राजभाषा हिन्दी कार्यशाला का आयोजन


केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, मध्य-पूर्वी क्षेत्र, पटना में दिनांक 26.09.2025 को क्षेत्रीय निदेशक श्री राजीव रंजन शुक्ला की अध्यक्षता में एक दिवसीय राजभाषा हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड सहित विभिन्न केन्द्रीय कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सहभागिता की।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्री प्रियदर्शी साहु, उप महानिदेशक, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा विशिष्ट अतिथि श्री अजीत कुमार शर्मा, सहायक निदेशक (राजभाषा), कर्मचारी राज्य बीमा निगम, क्षेत्रीय कार्यालय, पटना रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों एवं क्षेत्रीय निदेशक द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, पटना बिहार की विभागीय पत्रिका “भूजल दर्पण” (अंक 3 एवं 4 का संयुक्तांक) का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम के आरंभ में क्षेत्रीय निदेशक श्री राजीव रंजन शुक्ला ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में हिन्दी की ग्राह्य शक्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि हिन्दी एक सरल, सहज और वैज्ञानिक भाषा है, जिसमें तकनीकी एवं प्रशासनिक विषयों की अभिव्यक्ति प्रभावी ढंग से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिन्दी सभी भाषाओं का सम्मान करते हुए स्वयं को समृद्ध करती है। उन्होंने यह भी कहा कि चूँकि हमारा कार्यालय ‘क’ क्षेत्र में स्थित है, अतः हम सभी की यह विशेष जिम्मेदारी बनती है कि राजभाषा हिन्दी के प्रयोग को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यालय कार्यों में अधिकाधिक हिन्दी का प्रयोग करें और इसे व्यवहार में उतारें।
इसके उपरांत मुख्य अतिथि श्री प्रियदर्शी साहु ने अपने वक्तव्य में केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, पटना द्वारा राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से ‘भूजल दर्पण’ पत्रिका के नियमित प्रकाशन को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि हिन्दी एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भाषा है जो अन्य भाषाओं का आदर करती है और उनके साथ सामंजस्य स्थापित करती है।
विशिष्ट अतिथि श्री अजीत कुमार शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिन्दी वैज्ञानिक अभिव्यक्ति की सक्षम भाषा है और यह देश की बहुसंख्यक जनता द्वारा बोली एवं समझी जाती है, अतः इसमें सम्पूर्ण भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकारे जाने की पूर्ण संभावना है। उन्होंने राजभाषा के संवैधानिक प्रावधानों एवं प्रशासनिक उपयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों से आए प्रतिनिधियों ने अपने-अपने कार्यालयों में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, पटना में हिन्दी में किए जा रहे कार्यों का विस्तृत विवरण श्री निर्मल कुमार, अधिकारी सर्वेक्षक द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इसके पश्चात विशिष्ट अतिथि श्री अजीत कुमार शर्मा द्वारा ‘राजभाषा हिन्दी : व्यावहारिक प्रयोग और संभावनाएं’ विषय पर एक विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने राजभाषा के प्रयोग में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर व्यावहारिक सुझाव दिए।
कार्यशाला के अंत में राजभाषा हिन्दी पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।
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