बदलते दौर की सोच, सपना और चुनौतियाँ हैं - “जनरेशन-जी और जनरेशन-जेड”
लेखक जितेन्द्र कुमार सिन्हा दिव्य रश्मि के उपसम्पादक है
मानव सभ्यता का इतिहास केवल युद्धों, साम्राज्यों और क्रांतियों से नहीं बना है, बल्कि पीढ़ियों की सोच और जीवन शैली से भी निर्मित हुआ है। हर पीढ़ी का अपना एक अलग दृष्टिकोण, जीवन-शैली, संघर्ष और आकांक्षाएँ रही हैं। 20वीं और 21वीं सदी की सबसे चर्चित पीढ़ियों में जनरेशन-जेड (Gen-Z) और जनरेशन-जी (Gen-G) शामिल हैं। जहाँ Gen-Z आज की शिक्षा, रोजगार और डिजिटल क्रांति का केंद्र है, वहीं Gen-G एक नवगठित, उभरती हुई सोच और नई व्याख्या का प्रतीक है, जिसे अक्सर ग्लोबल जेनरेशन (Global Generation) भी कहा जाता है।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) लगभग 1995 से 2010 के बीच जन्मी पीढ़ी है। यह इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के साथ पली-बढ़ी पहली पीढ़ी है। इसे "Digital Natives" या "iGeneration" भी कहते हैं।
जनरेशन-जी (Gen-G) 2010 के बाद जन्मी पीढ़ी है, जिसे कभी-कभी "Gen Alpha" के बाद की नई पीढ़ी माना जाता है। यह ग्लोबल सोच, जलवायु परिवर्तन के प्रति सजगता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और वर्चुअल रियलिटी में पली-बढ़ी पीढ़ी है। इसे "Global Generation" या "Green Generation" भी कहते हैं।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) वह पीढ़ी है जिसने पहली बार इंटरनेट को घर-घर पहुँचते देखा। उनके लिए फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम रोजमर्रा का हिस्सा बने। उनकी सोच और व्यक्तित्व का निर्माण डिजिटल कंटेंट, ऑनलाइन लर्निंग, ई-कॉमर्स और गेमिंग के माध्यम से हुआ।
जनरेशन-जी (Gen-G) ने तो डिजिटल दुनिया को और आगे बढ़ते देखा है। उनके लिए मेटावर्स, AI चैटबॉट, वर्चुअल क्लासरूम, रोबोटिक साथी और स्मार्ट गैजेट्स सामान्य जीवन का हिस्सा हैं। यह पीढ़ी डिजिटल रियलिटी और वास्तविक जीवन के बीच कोई स्पष्ट अंतर महसूस ही नहीं करती।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) स्कूल-कॉलेज में पारंपरिक शिक्षा का असर है। स्मार्ट क्लास, प्रोजेक्टर और ऑनलाइन ट्यूशन ने उनके अनुभव को आधुनिक बनाया है। लेकिन प्रतियोगी परीक्षाएँ, मार्क्स का दबाव और करियर अनिश्चितता ने इसे तनावग्रस्त भी किया है।
जनरेशन-जी (Gen-G) AI-संचालित व्यक्तिगत शिक्षा (Personalized Learning) इनकी खासियत है। वर्चुअल टीचर्स, रोबोटिक असिस्टेंट और 3D-लर्निंग इनके लिए सामान्य बात है। केवल किताबों पर आधारित नहीं बल्कि कौशल आधारित शिक्षा पर जोर देता है।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) नौकरी और करियर में स्थिरता चाहने वाली पीढ़ी है। स्टार्टअप, फ्रीलांसिंग और रिमोट वर्क के प्रति झुकाव। लेकिन पारंपरिक नौकरियों को भी महत्व देती है।
जनरेशन-जी (Gen-G) से AI और रोबोटिक्स से भरी दुनिया में नौकरी की परिभाषा बदल जाएगी। यह पीढ़ी "जॉब सीकर" नहीं बल्कि "जॉब क्रिएटर" बनने की ओर झुकेगी। ग्रीन जॉब्स, स्पेस इंडस्ट्री, साइबर सिक्योरिटी, हेल्थ टेक इनकी पहली पसंद है।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति को महत्व देता है। सामाजिक असमानताओं, जेंडर इक्वलिटी और मानवाधिकार पर सजग रहता है। सोशल मीडिया पर अपनी राय रखने वाली पहली बड़ी पीढ़ी है।
जनरेशन-जी (Gen-G) ग्लोबल नागरिकता में विश्वास रखता है। जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण और स्थायी विकास इसके एजेंडे में सबसे ऊपर रहता है। सांस्कृतिक विविधता को अपनाने और डिजिटल रिश्तों को वास्तविक मानने वाली पीढ़ी है।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) सोशल मीडिया की लत, तुलना की प्रवृत्ति और तनाव सबसे बड़ी समस्याएँ हैं। अकेलापन और डिप्रेशन से जूझने वाली पीढ़ी है। हालांकि, मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करने की पहल भी इसी पीढ़ी ने की है।
जनरेशन-जी (Gen-G) AI और वर्चुअल दुनिया में डूबकर वास्तविक संबंधों से दूरी बढ़ने का खतरा बना रहता है। साइबर अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी और पहचान संकट की चुनौतियाँ रहती है। लेकिन यह पीढ़ी मानसिक स्वास्थ्य के लिए टेक-थेरैपी और डिजिटल वेलनेस को अपना रही है।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) "Fridays for Future" जैसी वैश्विक आंदोलनों से जुड़ी है। प्लास्टिक बैन, रिन्यूएबल एनर्जी और कार्बन कटौती पर सक्रिय है।
जनरेशन-जी (Gen-G) को पहले से ही जलवायु संकट की कठोर परिस्थितियों में जीना है। ग्रीन टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबल लिविंग और कार्बन-फ्री जीवनशैली अपनाना इसकी मजबूरी होगी और पहचान भी।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) OTT प्लेटफॉर्म, शॉर्ट वीडियो, ऑनलाइन गेमिंग इनके शौक है। पॉप कल्चर, रैप म्यूजिक और मीम्स इनकी भाषा है।
जनरेशन-जी (Gen-G) वर्चुअल रियलिटी शो, AI-जनरेटेड म्यूजिक और मेटावर्स कॉन्सर्ट इनकी दुनिया है। डिजिटल और वास्तविकता का मिश्रण इनका जीवनशैली ट्रेंड है।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) वास्तविक और डिजिटल दोनों रिश्तों को महत्व देती है। "फेसटाइम" और "इंस्टा डीएम" इसके संवाद के प्रमुख साधन है।
जनरेशन-जी (Gen-G) वर्चुअल साथी (Virtual Companions) और AI आधारित दोस्त सामान्य होंगे। रिश्ते भौगोलिक सीमाओं से परे होंगे।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) लोकतंत्र, विरोध और एक्टिजिम को अपनाने वाली पीढ़ी है। सोशल मीडिया कैंपेन और डिजिटल हस्ताक्षर आंदोलन में सक्रिय है।
जनरेशन-जी (Gen-G) ग्लोबल गवर्नेंस और सीमाहीन नागरिकता की ओर बढ़ती सोच है। डिजिटल वोटिंग, ब्लॉकचेन आधारित चुनाव इसकी वास्तविकता होगी।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) ने डिजिटल और सामाजिक क्रांति की नींव रखी है, Gen-G उसी को और आगे बढ़ाएगी। भविष्य की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन टेक्नोलॉजी और ग्लोबल नागरिकता के साथ ये दोनों पीढ़ियाँ मिलकर एक नए युग की रचना करेंगी।
जनरेशन-जेड (Gen-Z) और जनरेशन-जी (Gen-G) केवल दो अलग-अलग पीढ़ियाँ नहीं है, बल्कि बदलते समय का दर्पण हैं। एक ने इंटरनेट और सोशल मीडिया की ताकत दिखाई, तो दूसरी कृत्रिम बुद्धिमत्ता और पर्यावरणीय संतुलन की नई इबारत लिखेगी। इनकी सोच, सपने और चुनौतियाँ आने वाली मानव सभ्यता की दिशा तय करेगी।
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