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विकास मित्रों को अब मिलेगा सरकारी कर्मियों की तर्ज पर दुर्घटना बीमा का लाभ

विकास मित्रों को अब मिलेगा सरकारी कर्मियों की तर्ज पर दुर्घटना बीमा का लाभ

  • पीएनबी और एसबीआई के साथ हुआ अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग का एकरारनामा
  • अलग-अलग दुर्घटना बीमा के लाभ के लिए दोनों बैंकों से खाता संलग्न कराना होगा जरूरी
  • आपदा में हताहत होने पर अधिकतम दो करोड़ तक बीमा लाभ का मिलेगा सौगात

पटना, 15 सितंबर।
सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे विकास मित्रों को खास सुविधा राज्य सरकार ने प्रदान की है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत बिहार महादलित विकास मिशन और दो प्रमुख बैंकों के साथ एक खास एकरारनामा (एमओयू) हुआ है। यह तय किया गया है कि राज्य के सभी विकास मित्रों का खाता कॉरपोरेट पैकेज योजना से जोड़ते हुए सभी विकास मित्रों के बैंक खातों को संबंधित बैंकों से जोड़ा गया है। इससे विकास मित्रों और उनके परिजनों को किसी भी आपदा के समय सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा।
मुख्य सचिवालय के विस्तारीकरण भवन स्थित अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के साभागार में आयोजित कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के अधिकारियों के साथ एकरारनामा पर हत्साक्षर हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभागीय मंत्री जनक राम ने कहा कि विकास मित्रों के साथ ही उनके बच्चों के जीवन के लिए दोनों बैंकों से यह एकरारनामा सुनहरा अवसर है। अवसर देने का श्रेय मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को जाता है। उनका हृदय से धन्यवाद के साथ आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि बिहार महादलित विकास मिशन 2007 से निरंतर काम कर रहा है। मुझे बताकर खुशी हो रही है कि करीब डेढ़ साल पहले अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर आई। इसके बाद कई संगठनात्मक काम किए गए। नियमित रूप से विद्यालय, छात्रावास का निरीक्षण किया गया।
मंत्री ने कहा कि मैं विकास मित्रों से सीधे संवाद करता हूं। इनके सहारे सरकार की योजनाओं को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इस काम में सफलता भी मिली है। इसमें विभागीय अधिकारियों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तीकरण के तहत अनुसूचित जाति की 50 फीसदी महिलाओं को स्थान दिया गया। विकास मित्रों को नोडल अधिकारियों का नंबर भी उपलब्ध कराया गया है। विकास मित्र खुद निर्णय लेंगे कि वह किस बैंक से बीमित होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अनहोनी को कोई टाल नहीं सकता। हमने कई विकास मित्रों को दुर्घटना के शिकार होते देखा है। ऐसे मौके पर विभागीय पदाधिकारी के साथ ही सरकार के जनप्रनिधियों को काफी तकलीफ होती है। अगर भविष्य में किसी विकास मित्र के साथ कोई हादसा होता है तो कॉरपोरेट पैकेज के तहत इन बैंकों से खाता संलग्न होने का बाद अधिकतम दो करोड़ तक के बीमा लाभ मिलेगा।
इससे पीड़ित विकास मित्र के परिजनों को ताकत और संबल मिलेगा। मंत्री जनक राम ने कहा कि राज्य में 9 हजार 817 विकास मित्रों के अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि बिहार के अनुसूचित जाति, जनजाति, महादलित वर्ग के करोड़ों लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट आई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित जाति, जनजाति विद्यालयों और छात्रावासों का लगातार निरीक्षण कर रहा हूं। इन स्थानों पर बच्चों के मूलभूत जरूरत के साथ ही शैक्षणिक गतिविधियों का जायजा ले रहा हूं। कुछ जिलों में नवादा, जमुई और लखीसराय का भी जल्द ही दौरा किया जाएगा। अंत में उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति और महादलितों के हितों में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए उप मुख्ययंत्री विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी का उभार व्यक्त किया।

खाता संलग्न होने के बाद बीमा में यह मिलेगा लाभ

इस कार्यक्रम में अपनी पीपीटी प्रस्तुतिकरण में बैंक के प्रतिनिधियों ने बताया कि विकास मित्रों का उपरोक्त दोनों बैंकों से खाता संलग्न होने के बाद कॉरपोरेट पैकेज के तहत हादसाग्रस्त होने पर बीमा का अलग-अलग लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि 25 से 75 हजार के वेतन वाले विकास मित्रों को समूह जीवन बीमा कवरेज के तौर पर 10 लाख, पर्सनल एक्सीडेंट डेथ पर एक करोड़, आकस्मिक कुल विकलांगता कवरेज में एक करोड़, आंशिक विकलांगता कवरेज में 50 लाख, वायु दुर्घटना बीमा कवरेज दो करोड़, बर्न केस में 10 लाख, आयातित दवाओं के परिवहन के लिए पांच लाख, दुर्घटना होने पर कोमा के बाद मौत होने पर पांच लाख, एयर एंबुलेंस कवरेज के तौर पर 10 लाख, बच्चों के कॉलेज और उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख का कवरेज, बालिका विवाह के लिए 10 लाख रुपए, परिवार परिवहन के लिए 50 हजार, एंबुलेंस शुल्क 50 हजार के कवरेज के साथ ही होम लोन, ऑटो लोन, एजुकेशन लोन और पर्सनल लोन की सुविधा भी होगी।

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