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कुछ न हो तो याद का सहारा भी कम नहीं।

कुछ न हो तो याद का सहारा भी कम नहीं।

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•
(पूर्व यू.प्रोफेसर)

कुछ न हो तो याद का सहारा भी कम नहीं।
दुनिया में इससे बरतर कोई भी हमदम नहीं ।
तमन्ना है तेरी याद में आखिरी साँस गुजरे,
फिर किसी बात का मुझे कोई गम नहीं।
कुब्बते बाजू रहे बरकरार ता ब जीस्त,
गर्दिशे दौराँ से जाए दिल सहम नहीं।
दर्या के फना होने तक आगोशे बह्र में ,
थम जाय सरे राह कभी भी कदम नहीं।
अब दिल में बस बची एक हीआरजू है,
बिन देखे तुमको निकले मेरा दम नहीं।
करेगा आखिरी लम्हा तेरा ही इंतिजार , 
साथ निभाने की क्या खाई थी कसम नहीं?

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