डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया ऐसे महापुरुष का नाम,डाॅक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन था जिनका ये नाम।
05 सितम्बर 1888 को हुआ था आपका ये जन्म,
पिता सर्वपल्ली वीरा स्वामी सीताम्मा माॅं का नाम।।
बाल्यावस्था से ही मेधावी व होशियार रहें हो आप,
देश के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति आप।
राष्ट्र निर्माण कार्यो में आप महत्वपूर्ण निभाये रोल,
शिक्षक, दार्शनिक, दूरदर्शी समाज सुधारक आप।।
ढ़ेरों सम्मान व पुरस्कार आपने किए थे अपने नाम,
निष्ठा लगन व परिश्रम के थे आपके यह परिणाम।
बच्चो के भविष्य की नीव ये गुरु ही करते मज़बूत,
शिक्षक सर्वदा आदरणीय है करे सब इन्हें प्रणाम।।
बिना शिक्षा के रहता मानव एक पशु के ही समान,
जैसे बरसात के बिन रहती यह धरती माॅं श्मशान।
समर्पित ये दिन किया है शिक्षको का बढ़ाया मान,
अविस्मरणीय व अतुलनीय ऐसे आपके योगदान।।
आंध्र काशी दिल्ली विश्वविद्यालयो के चांसलर रहे,
शिक्षक प्राध्यापक प्रोफेसर बनकर भी सेवा दिए।
ग़रीब ब्राह्मण घर जन्मे फिर भी शिखर तक पहुॅंचे,
महान दर्शनशास्त्री अनेंको पुस्तके भी लिख दिए।।
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थानganapatlaludai77@gmail.com
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