भारत विश्व भाग्य विधाता
अप्रतिम वैश्विक नेतृत्व क्षमता,वसुधैव कुटुंबकम् हिय हिलोर ।
अहिंसा परमो धर्म मूल मंत्र,
स्नेह प्रेम शांति प्रयास पुरजोर ।
प्रेरणास्पद पुरोधा वैदिक ज्ञान,
सुप्त जगत चैतन्य स्फूर्ति लाता ।
भारत विश्व भाग्य विधाता ।।
कर तत्पर मानवता कल्याण,
प्रगति संग प्रकृति संरक्षण ध्यान ।
सदैव अभिरक्षा नैसर्गिक धरोहर,
संस्कारित जीवन शैली आह्वान ।
शीर्ष नारी सम्मान सशक्तिकरण,
परिवेश समता ज्योत जलाता ।
भारत विश्व भाग्य विधाता ।।
शिक्षा विज्ञान कला कौशल क्षेत्र,
प्रतिभा संपन्न दिव्य मनोरमा ।
प्रौद्योगिकी पट सफलता निर्झर,
रक्षा अंतर साहस शौर्य अनुपमा ।
निज संस्कृति मर्यादा सर्वोपरि,
व्यवहार मृदुल मधुर बनाता ।
भारत विश्व भाग्य विधाता ।।
हर राष्ट्र प्रति मैत्री अभिलाष,
सदा विरोध दमनकारी रूप ।
वार्तालाप माध्य समस्या हल,
परस्पर आदर आदर्श प्रतिरूप ।
समग्र सुख समृद्धि आनंद बिंदु,
अथक श्रम साधना पथ सजाता ।
भारत विश्व भाग्य विधाता ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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