मानवता के प्रसून खिले, विश्व उपवन में
परस्पर अथाह स्नेह प्रेम,सर्वत्र दर्शित भाईचारा ।
दूर जाति धर्म भेद विभेद ,
संबंध अंतर अपनत्व पसारा ।
शांति सौहार्द पूर्ण परिवेश,
समरसता ज्योत चितवन में ।
मानवता के प्रसून खिले,विश्व उपवन में ।।
नैसर्गिकता सम्मत कर्म धर्म,
अधिकार पूर्व कर्तव्य भान ।
मानुष स्वाभिमान रक्षा प्रथम,
वैश्विक पटल शुभता गुणगान ।
निर्धन शोषित कल्याण हित,
नित प्रदत्त मुस्कान अँसुवन में ।
मानवता के प्रसून खिले,विश्व उपवन में ।।
घर परिवार समाज पटल,
दर्शित समता समानता भाव।
शिक्षा संग संस्कार अहम,
आदर सिक्त वरिष्ठवृंद छांव ।
नारी शक्ति सर्वदा वंदनीय,
खुशियां उद्गम श्रोत जीवन में ।
मानवता के प्रसून खिले,विश्व उपवन में ।।
सेवा पर्याय शासन तंत्र,
स्वच्छ पारदर्शी कार्य शैली ।
अथक प्रयास विकास हित,
श्रम निष्ठता सफलता पहेली ।
परा अधुना ज्ञान समन्वय,
व्यष्टि भूमिका समष्टि पल्लवन में ।
मानवता के प्रसून खिले,विश्व उपवन में ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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