Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

दर्शन

दर्शन

भगवत पूजन तुम करो ,
तुम्हारी पूजन मैं करूॅं ।
भगवत दर्शन हो तुम्हें ,
तुम्हारा दर्शन मैं करूॅं ।।
तुम जाओ नित्य मंदिर ,
मैं तेरे मन झाॅंका करूॅं ।
तेरे मन प्रभु दर्शन पाऊॅं ,
मन में ये ऑंका करूॅं ।।
जो पद जाए मंदिर में ,
पद वापसी पखारा करूॅं ।
तेरे मन बहे जो भाव ,
पावन मन स्वीकारा करूॅं ।।
जाते आते मन पावन हो ,
मैं तुझमें प्रभु पाया करूॅं ।
तुम पाओ प्रभु को मंदिर ,
मैं नित्य ये निभाया करूॅं ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ