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ऑनलाईन जुए (‘रियल मनी गेमिंग’) पर प्रतिबंध हेतु इस विधानसभा सत्र में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा जाएगा

ऑनलाईन जुए (‘रियल मनी गेमिंग’) पर प्रतिबंध हेतु इस विधानसभा सत्र में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा जाएगा

  • उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इन का आश्वासन !
  • ऑनलाइन जुए पर नियंत्रण के लिए राष्ट्रव्यापी कानून बनाने की सुराज्य अभियान की मांग

लखनऊ - देशभर में तेज़ी से बढ़ते ऑनलाइन जुए (‘रियल मनी गेमिंग’) के कारण लाखों परिवार बर्बाद हो रहे हैं और कुछ हजार करोड़ रुपये की लूट हो रही है । इस पर केवल राज्य में कानून बनाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक कठोर और प्रभावी कानून बनाना नितांत आवश्यक है । इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ की ओर से उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से प्रत्यक्ष भेंट कर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 252 के अंतर्गत केंद्र सरकार को प्रस्ताव प्रस्तुत करने की मांग की गई । उन्होंने सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए शीघ्र ही केंद्र को प्रस्ताव भेजने का आश्वासन शिष्टमंडल को दिया है ।

इस समय सुराज्य अभियान, उत्तरप्रदेश के समन्वयक विश्वनाथ कुलकर्णी, उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त सचिव शशिकांत शुक्ला तथा सचिवालय संघ के पूर्व अध्यक्ष हरिशरण मिश्रा, उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय केंद्रीय राजस्व सेवा कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत मिश्रा एवं दिलीप गुप्ता उपस्थित थे ।


राष्ट्रव्यापी कठोर कानून ही एकमात्र प्रभावी उपाय !

अब तक देश में केवल असम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों ने ऑनलाईन जुए के विरुद्ध राज्यस्तरीय कानून बनाए हैं; परंतु ये कानून अपर्याप्त साबित हो रहे हैं और तमिलनाडु के कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई है । इसलिए राज्यनिहाय कानून पर्याप्त नहीं हैं; राष्ट्रव्यापी कठोर कानून ही इसका प्रभावी समाधान है । भारतीय संविधान के अनुच्छेद 252 के अंतर्गत यदि दो या अधिक राज्य केंद्र को प्रस्ताव भेजते हैं, तो संसद को राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त होता है । इसी हेतु सुराज्य अभियान सभी राज्यों से शीघ्र प्रस्ताव केंद्र को भेजने का आह्वान कर रहा है ।


जुए के ऐप्स चलाने वाली कंपनियों पर 25 हजार करोड की जीएस्टी बकाया !

देशभर के कई फिल्म अभिनेता ऑनलाइन जुए का विज्ञापन कर रहे हैं जिससे युवाओं में इसका आकर्षण बढ़ा है । वर्ष 2025 में 50 करोड भारतीय नागरिक ऑनलाईन जुए में शामिल थे । 2024 के आंकड़ों के अनुसार, यह उद्योग 30 हजार करोड से अधिक का टर्नओवर कर रहा था । कई ऐप विदेशी संचालकों द्वारा चलाए जा रहे हैं जिससे संदेह है कि पैसा विदेश भेजा जा रहा है । साथ ही, ‘Dream11’ जैसे ऐप्स में जीतने की संभावना मात्र 0.00001% है जो कि लगभग शून्य है; इससे लाखों युवाओं की धोखाधड़ी हो रही है । केंद्र सरकार ने GST चोरी के मामले में ऑनलाइन जुए की कंपनियों को 55 हजार करोड की नोटिस भेजी है, जिसमें केवल ‘Dream11’ पर ही 25 हजार करोड का बकाया है ।
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