"विचार एवं भावना : द्वैत में एकत्व"
मनुष्य एक जटिल प्राणी है — उसके भीतर विचारों की तर्कपूर्ण दुनिया एवं भावनाओं की तरल नदी साथ-साथ बहती हैं। उपरोक्त उद्धरण मानव मन की गहराइयों को छूता है। विचार तर्क, अनुभव एवं सामाजिक conditioning से निर्मित होते हैं; वे सही-गलत का निर्णय करते हैं। इसके विपरीत, भावना हृदय की सहज अभिव्यक्ति है — वह करुणा एवं प्रेम से जन्म लेती है।कई बार हम किसी के विचारों से असहमति रखते हैं, यहाँ तक कि घृणा भी करते हैं। लेकिन जब वही व्यक्ति दुःख में होता है, तो भीतर से करुणा फूट पड़ती है। यह द्वंद्व हमें बताता है कि तर्क से परे एक भावनात्मक सच भी है, जो प्रेम से जुड़ा है।
उपनिषदों की वाणी "सर्वं खल्विदं ब्रह्म" यही सिखाती है — सबमें वही एक आत्मा है। जब हम इस सत्य को अनुभव करते हैं, तो मतभेद महत्वहीन हो जाते हैं और प्रेम प्रमुख हो जाता है।
अंततः, विचार द्वैत रचते हैं, भावना एकत्व लाती है। यही हमारे भीतर छिपे आध्यात्मिक सत्य की अभिव्यक्ति है।
. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार)
पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com