Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

कालगति

कालगति

हमें दिखे या न दिखे,
व्यतीत हो रहे हैं हम।
कालगति में पिसते हुए,
अतीत हो रहे हैं हम।।
हमारे कर्म और कीर्तियां,
हमारे पीछे रह जाएंगी।
हमारे बाद हमारी याद,
हमारी कीर्तियां ही दिलाएंगी।।
इस जग ने किसी से,
न कुछ लिया है, न दिया है,
सबको उसके कर्मों के अनुसार,
याद उसको किया है।।

जय प्रकाश कुवंर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ