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गुरु क्या होते है

गुरु क्या होते है

माता पिता ने पैदा किया,
और दिया गुरु ने ज्ञान।।
लाड प्यार दादा दादी ने दिया
और दिया गुरु ने अच्छे बुरा का ज्ञान।
हृदय में जब भी उठे विकार
शांत उन्हें गुरु ने कर दिया।
इसलिए आभार गुरु करता हूँ।।
माता पिता ने पैदा किया,
और दिया गुरु ने ज्ञान।।


गुरु ही सांस और गुरु ही आस है।
गुरु ही प्यास और गुरु ही ज्ञान है।
गुरु ही संसार और गुरु ही प्यार है।
गुरु ही गीत और गुरु ही संगीत है।
तभी तो लगी गुरु से हमारी प्रीत।
इसलिए आभार गुरु करता हूँ।।
माता पिता ने पैदा किया,
और दिया गुरु ने ज्ञान।।

गुरु ही जान है, गुरु ही आलंबन है।
गुरु ही दर्पण और गुरु ही धर्म है।
गुरु ही कर्म और गुरु ही मर्म है।
बिना गुरु के कुछ भी नहीं है।
इसलिए हृदय में गुरु बसे है।
और आभार गुरु का करता हूँ।।
माता पिता ने पैदा किया,
और दिया गुरु ने ज्ञान।


गुरु ही सपना और गुरु ही अपना है।
गुरु ही जहान और गुरु ही समाधान है।
गुरु ही आराधना और गुरु ही उपासना है।
गुरु ही आदि और गुरु ही अन्त हैै।
तभी तो गुरु के प्रति जगा प्रेम अनंत।
इसलिए तो आभार गुरु का करता हूँ।।
माता पिता ने पैदा किया,
और दिया गुरु ने ज्ञान।।


गुरु ही साज और गुरु ही वाद्य है।
गुरु ही गीत और गुरु ही भजन है।
गुरु ही जप और गुरु ही वंदना है।
गुरु ही प्यारा और गुरु ही दुलार।
तभी तो आत्मा में समाये गुरु है।
इसलिए आभार गुरु का करता हूँ।
माता पिता ने पैदा किया,
और दिया गुरु ने ज्ञान।


गुरु ही वन्दना और गुरु ही मनन है।
गुरु ही चिंतन और गुरु ही वंदन है।
गुरु ही चन्दन और गुरु ही नंदन है।
तभी तो करते गुरु का अभिनन्दन।
और दिलसे करता हूँ उनका आभार।।
माता पिता ने पैदा किया,
और दिया गुरु ने ज्ञान।।


गुरुपूर्णिमा के पवन अवसर पर गुरु चरणों में समर्पित ये मेरी कविता।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई


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