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अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश – 6 गिरफ्तार, SIM बॉक्स से 10,000 फर्जी कॉल रोज

अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश – 6 गिरफ्तार, SIM बॉक्स से 10,000 फर्जी कॉल रोज

पटना।
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) बिहार की साइबर विंग ने दूरसंचार विभाग (भारत सरकार) के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के मुख्य सरगना 21 वर्षीय हृषित कुमार समेत 6 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। । इस गिरोह का संचालन SIM बॉक्स के माध्यम से देशभर में धोखाधड़ी करने के लिए किया जा रहा था। कार्रवाई में मुख्य सरगना हृषित कुमार सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरोह के तार चीन, वियतनाम, कंबोडिया, थाईलैंड, हांगकांग, यूके, जर्मनी समेत कई देशों से जुड़े हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि SIM बॉक्स के जरिये प्रतिदिन 10,000 से अधिक फर्जी कॉल किए जाते थे, जिनसे साइबर अपराध को अंजाम दिया जाता था।

गिरफ्तारी और बरामदगी
सुपौल जिले के गौसपुर से मुख्य सरगना 21 वर्षीय हृषित कुमार को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 8 SIM बॉक्स, सैकड़ों सक्रिय और निष्क्रिय सिम कार्ड, विभिन्न बैंकों की पासबुक, एटीएम एवं क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। गिरोह के अन्य आरोपियों में मोहम्मद सुलेमान (CSC संचालक) और चार पॉइंट ऑफ सेल (POS) संचालक शामिल हैं।

SIM कार्ड आपूर्ति नेटवर्क
जांच में खुलासा हुआ है कि हृषित कुमार को झारखंड के पाकुड़ निवासी अपराधी सुमित शाह द्वारा हजारों सिम कार्ड उपलब्ध कराए जाते थे। सुलेमान नामक व्यक्ति आम जनता के बायोमेट्रिक डेटा को फर्जी सरकारी योजनाओं के नाम पर एकत्रित कर बड़ी संख्या में सिम कार्ड हासिल करता और इन्हें साइबर ठगी के लिए गिरोह को बेचता था।

अंतरराष्ट्रीय लिंक और क्रिप्टो लेन-देन
गिरोह के बैंक खातों, पैन कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन की भी जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में दो क्रिप्टो एक्सचेंज पर गिरोह के खातों की जानकारी मिली है। NCRP पोर्टल पर देशभर के 18 मामलों में इस गिरोह की संलिप्तता पाई गई है।

बिहार पुलिस ने इस कार्रवाई को साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि आगे की जांच में और कई नेटवर्क और आरोपी सामने आने की संभावना है।

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