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गुटर गूॅं

गुटर गूॅं

बोल मेरे गुटर गूॅं ,
तेरे हाल क्या है !
हाल क्या है तेरे
चाल क्या है !! बोल मेरे -----------
टकला के बुमबुम ,
टकला के बुमबुम ,
टकला के बुमबुम ।
तू ही मेरे गुटर गूॅं ,
तू ही मेरे कुकडूॅं कू ।
तू ही मेरे चीड़ी चूहे ,
तू ही तो चींचीं चूॅं ।।
कबूतर है बोलता ,
तू भी बोलता है यूॅं । बोल मेरे ---
शिक्षा लो चुमचुम ,
शिक्षा लो चुमचुम
शिक्षा लो चुमचुम ।
झींगुर गीत सुनाता ,
कोयल कू कू कू ।
धरा पे फलो फूलो ,
जग में हो तू ही तू ।
पढ़ लो लिख लो ,
तुम्हें मूॅंगफली दूॅं । बोल मेरे --------- ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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