Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

पी ओ के और दो जून की रोटी

पी ओ के और दो जून की रोटी

बंद कर तू आतंकी वारदातें ,
बंद कर तू यह दहशतगर्दी ।
तेरा व्यवहार साबित करता ,
तुममें भरा पड़ा यह नामर्दी ।।
छुपकर करते हो वारदातें ,
छुपकर करते हो नरसंहार ।
मानवता से तुझे प्यार नहीं ,
तेरे जीवन को है धिक्कार ।।
बंद कर क्रूरता तू अपनी ये ,
तू पी को तो ओ के कर ले ।
पी मिंस प्यार ओ के करके ,
दो जून की रोटी तो भर ले ।।
पी ओ के ही है पी ओ के ये ,
पीओके बिन पी ओके नहीं ।
खैर नहीं कभी यह उसका ,
आतंकी कदम जो रोके नहीं ।।
पीओके दो या पीएके दे दो ,
देना तो तुमको अब ये पड़ेगा ।
नहीं समझा भारत की बातें ,
स्वयं भी तू जमीं में ही गड़ेगा ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ