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प्राकृतिक कृषि: भावी पीढ़ी के लिए वरदान – दुष्यंत कुमार राघव

प्राकृतिक कृषि: भावी पीढ़ी के लिए वरदान – दुष्यंत कुमार राघव

पटना, 26 जून 2025 | संवाददाता – दिव्य रश्मि न्यूज़

विद्या भारती, दक्षिण बिहार के प्रांतीय कार्यालय, कदमकुआं, पटना में आज वंदना सभा का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें प्राकृतिक कृषि के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर ख्यातिप्राप्त कृषि वैज्ञानिक दुष्यंत कुमार राघव तथा विद्या विकास समिति, झारखंड के पूर्व प्रदेश सचिव अजय कुमार तिवारी द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मंच को पुष्पार्चन से सजाया गया, जिससे पूरे वातावरण में एक दिव्यता का संचार हुआ।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए विद्या भारती उत्तर-पूर्व (बिहार-झारखंड) क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख निर्मालय जी ने अतिथियों का परिचय कराया। इसके पश्चात श्री अजय कुमार तिवारी ने दुष्यंत कुमार राघव को पारंपरिक अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

मुख्य वक्ता के रूप में दुष्यंत कुमार राघव ने "प्राकृतिक कृषि" की अवधारणा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा:

“प्राकृतिक कृषि केवल एक पद्धति नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत है जो पारंपरिक भारतीय कृषि को आधुनिक विज्ञान से जोड़ती है। यह रसायनों पर निर्भरता को खत्म कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग है।”

  • उन्होंने बताया कि प्राकृतिक कृषि के पाँच मूल सिद्धांत हैं:
  • रसायन मुक्त कृषि – जैविक खाद, जीवामृत, गोमूत्र आदि का उपयोग
  • स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग
  • मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखना
  • पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देना
  • किसानों की आर्थिक और सामाजिक आत्मनिर्भरता

राघव ने कहा कि प्राकृतिक कृषि में फसलें, वृक्ष और पशुधन एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, जिससे खेत का एक संतुलित पारिस्थितिक तंत्र बनता है। यह न केवल उत्पादन बढ़ाता है, बल्कि किसानों की लागत भी कम करता है।

उन्होंने उपस्थितजनों से आह्वान किया कि “हम सबको मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित और टिकाऊ कृषि प्रणाली को अपनाना होगा। इसके लिए हमें अपने स्तर से प्राकृतिक कृषि का प्रचार-प्रसार करना होगा।”

इस अवसर पर विद्या भारती, उत्तर-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली राम जी, भारती शिक्षा समिति, बिहार एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति, बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा जी, समेत कई गणमान्य कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की समाप्ति राष्ट्रगान और वंदे मातरम् के सामूहिक गायन के साथ हुई, जिससे उपस्थितजनों में राष्ट्रभाव और सेवा की प्रेरणा का संचार हुआ।

प्राकृतिक कृषि न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने का साधन है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, पर्यावरण और स्वास्थ्य की रक्षा का भी माध्यम है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाना समय की आवश्यकता है।

✍ रिपोर्ट: दिव्य रश्मि न्यूज़ टीम
📍 स्थान: विद्या भारती प्रांतीय कार्यालय, कदमकुआं, पटना |

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