Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

मेरी ख़ुशियाँ मेरे सपने, मेरे बच्चे हैं,

मेरी ख़ुशियाँ मेरे सपने, मेरे बच्चे हैं,

झूठे सच्चे कसमें वादे, सारे बच्चे हैं।
नहीं अपेक्षा मुझे मिले बच्चों से कुछ,
यही कामना रहें सफल, नादां बच्चे हैं।


हमें मिला दुनिया में सब, जो भी चाहा,
प्यार जहां में अपनों, ग़ैरों का भी पाया।
औकात नहीं अपनी, दो कौड़ी की भी,
आभार प्रभु, क्षमता से ज़्यादा दिलवाया।


पत्नी बेटा घर परिवार, सभी अच्छे हैं,
मिलने जुलने वाले यार, सभी अच्छे हैं।
घर में बिटिया एक विवाह कर आयी है,
मिले जितने भी रिश्तेदार, सभी अच्छे हैं।


चाहत अपनी, सौ वर्ष का जीवन हो,
स्वस्थ निरोगी काया, सुखी जीवन हो।
नहीं कामना धन दौलत भौतिक सुख की,
अध्यात्म आधार, सीधा सरल जीवन हो।


आश्रित होकर जीने से बेहतर मर जाना,
अपमान से रोटी, बेहतर भूखा सो जाना।
नहीं तमन्ना रही कभी, हों ख्वाब सुनहरे,
मान सम्मान जो मिले, पा खुश हो जाना।


अच्छा बुरा जो भी मिलता, कर्मों का फल है,
प्रभु कृपा रही मुझ पर, जीवन का संबल है।
कड़वे मीठे अनुभव मुझको, नित राह दिखाते,
मानवता हित सदा समर्पित, मेरा पल पल है।

डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ