पहलगाम नरसंहार का बदला
कढ़े चलो बढ़े चलो ।पढ़े चलो चढ़े चलो ।।
न दस पे न बीस पर ।
दस बदले तीस पर ।।
आका चाचा शीश पर ।
गोली चलाया जिसपर ।।
दृश्य को तू याद कर ।
याद को आबाद कर ।।
अब जून नहीं मई बन ।
जंग में तू विजयी बन ।।
भारत के तुम जवान हो ।
राष्ट्र के नव विहान हो ।।
आव देख न ताव देख ,
अभी नहीं चुनाव देख ।
दुश्मन के सीने चढ़कर ,
निज मूॅंछ का ताव देख ।।
राष्ट्र को ये जरूरत है ।
यही तो नया महूरत है ।।
नरसंहार एहसास कर ,
निष्ठा पर विश्वास कर ।
इस बाजू पे आस कर ,
दुष्ट दुश्मन का नाश कर ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com