दिव्य रश्मि पत्रिका के उपसंपादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खबर।
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चला आ रहा तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत ने एक बार फिर निर्णायक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) सहित पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। यह कार्रवाई 2025 की सबसे बड़ी सैन्य घटना बन चुकी है, जिसे लोग "ऑपरेशन सिंदूर (सर्जिकल स्ट्राइक 2.0)" के नाम से जान रहे हैं।
बीते कुछ वर्षों से पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकी संगठन जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, और हिज्बुल मुजाहिदीन भारतीय सुरक्षा बलों, नागरिकों और कश्मीर में शांति व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए आत्मघाती हमले में दर्जनों भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। जांच में खुलासा हुआ था कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने से रची गई थी।
भारतीय वायुसेना और विशेष बलों ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान के नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इन ठिकानों की जानकारी खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाई गई थी। ये सभी ठिकाने आतंकियों की ट्रेनिंग, रणनीति और हथियारों के जमावड़े का केन्द्र बना हुआ था। भारत ने जिन आतंकी ठिकानों पर हमला किया वह है- मरकज सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर- जैश-ए-मोहम्मद का केंद्र। मरकज तैयबा, मुरिदके- लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय। सरजल, टेहड़ा कलां- जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा। महमूना जोया, सियालकोट- हिज्बुल मुजाहिदीन का ठिकाना। मरकज अहले हदीस, बरनाला- लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा।
मरकज अब्बास, कोटली- जैश-ए-मोहम्मद का संचालन केंद्र। मस्कर रहील शहीद, कोटली- हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर। शवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद- लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी अड्डा और
सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद- जैश-ए-मोहम्मद का संचालन ठिकाना।
हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह बंद कर दिया है। बदले में पाकिस्तान ने भी यही कार्रवाई की। भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर सहित सभी जमीनी सीमाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। दक्षिण एशियाई वीजा सुविधा जो भारत-पाक नागरिकों को यात्रा की छूट देती थी, उसे भी फिलहाल रोक दिया गया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित किया है। द्विपक्षीय और तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार पर भी रोक लगाई गई है।
1951 में हुई सिंधु जल संधि के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु और उसकी सहायक नदियों का जल बंटवारा निर्धारित हुआ था। भारत ने इस संधि को निलंबित करते हुए कहा है कि वह अपने जल संसाधनों का पूर्ण उपयोग करेगा। पाकिस्तान ने इसे युद्ध की घोषणा के समान बताया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के रक्षा सलाहकारों को अवांछित घोषित करते हुए उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारतीय दूतावास इस्लामाबाद और पाकिस्तानी दूतावास नई दिल्ली में राजनयिकों की संख्या घटा दी गई है।
पाकिस्तान ने इस हमले को "सीधी आक्रामकता" बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की बात कही है। लेकिन पाकिस्तान ने सार्वजनिक तौर पर हमलों में हुए नुकसान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसके प्रमाण सामने आ रहे हैं। पाक सेना ने भारत को चेतावनी दी है कि यदि इस प्रकार की कोई और कार्रवाई हुई तो वह "पूरी ताकत से जवाब" देगा।
अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन आतंक के खिलाफ भारत के कदम को "आत्मरक्षा का अधिकार" कहा है। यूरोपीय संघ ने भी आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई को उचित बताया है, बशर्ते नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। रूस ने भारत का परोक्ष समर्थन किया है जबकि चीन ने दोनों पक्षों से संवाद बनाए रखने को कहा है। हालांकि, चीन ने पाकिस्तान की एकतरफा आलोचना नहीं की है।
देशभर में भारत के इस हमले के बाद सरकार और सेना के पक्ष में जबरदस्त समर्थन देखा जा रहा है। विपक्षी दलों ने भी इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए सरकार को "निर्णायक नेतृत्व" के लिए बधाई दी है।
ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के बाद दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर पहला युद्ध 1947 में हुआ था। पाकिस्तानी सेना ने 1965 में कश्मीर में घुसपैठ की, जिसका जवाब भारत ने सैन्य कार्रवाई से दिया, यह दूसरा युद्ध था। वर्ष 1971 के दौरान पाकिस्तान में बंगला देश युद्ध हुआ। यह युद्ध पाकिस्तान के विभाजन और बांग्लादेश की स्वतंत्रता में परिणत हुआ। पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों ने वर्ष 1999 में कारगिल की ऊंचाईयों पर कब्ज़ा किया, जिसे भारतीय सेना ने मुक्त कराया।
अभी भी भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है अब देखना है कि सैन्य कार्रवाई के बाद हालात किस दिशा में बढता है। दोनों देशों में सैन्य तनाव बढ़ा है, इसलिए प्रत्यक्ष युद्ध की संभावना भी लगता है। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण शांतिवार्ता की कोशिशें भी शुरू हो सकती हैं, इसके लिए कूटनीतिक समाधान भी संभव हो सकता है। दोनों देश के बीच सीमाओं पर तैनाती और व्यापारिक, राजनयिक संबंध बंद रहने की अवधि लंबे समय तक बनी रहने की भी संभावना हो सकती है। भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी अड्डों पर किया गया हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि आतंक के खिलाफ स्पष्ट नीति का परिचायक है। देश की सुरक्षा, अखंडता और नागरिकों की जान-माल की रक्षा किसी भी कीमत पर सर्वोपरि है। भारत ने यह दिखा दिया है कि अब वह केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहेगा।
—————————-
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com