बिल्ली बोली बिल से
बिल्ली बोली बिल से ,तूने छुपा रखा है चूहा ।
अंदर बत्ती गुल रहेगी ,
बाहर घिर जाऍंगे कूहा ।।
गई थी जब मैं दिल्ली ,
वहीं बैठाई मैं दिल में ।
वहीं से संग लेके आई ,
तो क्या गया झील में ।।
जा रही डीओजी पास ,
वहीं रपट लिखाऊॅंगी ।
तू ही है अपहरणकर्ता ,
शीघ्र छापे मरवाऊॅंगी ।।
बुलाऊॅं अजगर दास को ,
तेरी घिग्घी बॅंध जाएगी ।
या तो सर्प करेगा साफ ,
तेरी हेकड़ी मिट जाएगी ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com