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वीरांगना जीवन, उत्सर्ग अनुदानों की थाती

वीरांगना जीवन, उत्सर्ग अनुदानों की थाती

जीवन पथ अद्भुत अनूप,
हर पल परिवर्तन ओर ।
स्वप्न मलिका मूल अस्त,
मधुवन अंतर पतझड़ी भोर ।
अष्ट प्रहर प्राण प्रिय स्मृति,
प्रति पल विरह वेदना जगाती ।
वीरांगना जीवन,उत्सर्ग अनुदानों की थाती ।।


रज रज दर्शित शौर्य साहस,
रग रग उत्साह उमंग अनंत ।
कल्पना ओजस्वी राष्ट्र छवि,
भारती उत्संग समृद्ध अत्यंत ।
अनुभूत तिरंगी आन बान शान,
अंतःकरण देश प्रेम ज्योत जलाती ।
वीरांगना जीवन,उत्सर्ग अनुदानों की थाती ।।


परिवार उपमा राष्ट्र धरोहर,
शासन प्रशासन तत्पर सम्मान।
राज अनुग्रह कृपा अथाह,
नित्य प्राणोत्सर्ग भव्य गुणगान ।
स्व सह संतति शिक्षा संस्कार,
सदैव अग्र देश रक्षा संकल्प जताती ।
वीरांगना जीवन,उत्सर्ग अनुदानों की थाती ।।


पुलकित प्रफुल्लित हिंद धरा,
सर्वत्र स्नेह प्रेम भाईचारा ।
नवल धवल राष्ट्र सीमाएं,
पटल बिंदु शांति जयकारा ।
कामना हर्षित गर्वित मातृ भूमि,
उर तरंग देह पट नेह सजाती ।
वीरांगना जीवन,उत्सर्ग अनुदानों की थाती ।।


कुमार महेंद्र

(स्वरचित मौलिक रचना)
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