संविधान और लोकसभा चुनाव

संविधान और लोकसभा चुनाव

अभी लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा बार बार कहा जा रहा है कि यदि भाजपा की सरकार बनेगी तो वे लोग संविधान समाप्त कर देंगे।
पहले आएं! संविधान क्या है ? संविधान किसे कहते हैं? संविधान दो शब्दों के मेल से बना है पहला शब्द है "सम" और दूसरा है"विधान" तात्पर्य वह विधान(कानून) जो देश के सभी जाति, धर्म, सम्प्रदाय, लिंग के लिए सम(बराबर हो।
भारतीय संविधान की विशेषता है एवं संविधान में उल्लिखित है कि बिना मूल भावना/उद्देश्य को छेड़ छाड़ किए संविधान में संशोधन किया जा सकता है। इसी कारण तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पहली बार 1952 में संशोधन किया था। स्वयं कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में 85 बार संविधान में संशोधन किया।
आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी बार बार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा रही हैं कि संविधान की प्रति अपनी पाकेट में रखकर चलें, लोगों के बिच संविधान की प्रति बांटे। क्या ये दोनों भाई बहन और कांग्रेस के शीर्ष नेता को पता नहीं है कि संविधान दो चार पन्ने की पुस्तक नहीं है जिसे पाकेट में रख घुमना सम्भव नहीं है। और यदि पता है तो क्या भारतीय जनमानस को अनपढ़, अशिक्षित,और विवेकहीन समझती है? नहीं भारतीय जनमानस न तो अशिक्षित हैं और न विवेकहीन है। भारतीय जनमानस बोलती नहीं,देखती रहती है और चुनाव में जवाब देती है।
इसका सबसे सुंदर उदाहरण 1977 का लोकसभा का आम चुनाव है ।25जून 1975को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने न्यायालय और भारतीय जनता के अधिकारों पर कुठाराघात करते हुए आपातकाल की घोषणा किया था। और जनता ने 1977 के आम लोकसभा चुनाव में भारी शिकस्त दिया। केवल पार्टी ही नहीं प्रधानमंत्री की भी हार हुई थी।


जितेन्द्र नाथ मिश्र, कदम कुआं, पटना
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