श्रम की अठखेलियों में, खुशियों की रवानी है

श्रम की अठखेलियों में, खुशियों की रवानी है

शाश्वतता अहम श्रृंगार,
सृष्टि अलौकिक नियम ।
आशा उमंग उल्लास अथाह,
समृद्धि चाहना अत्युत्तम ।
पटाक्षेप कर सघन तिमिर,
आलोक पथ बखानी है ।
श्रम की अठखेलियों में, खुशियों की रवानी है ।।


लोभ मद लालच अहंकार,
सदैव जड़ मूल अस्त ।
धर अदम्य साहस शौर्य,
आसूर्य स्वभाव पस्त ।
यथार्थ अप्रतिम आईना ,
अवरोधक दानवी मनमानी है ।
श्रम की अठखेलियों में, खुशियों की रवानी है ।।


समाज राष्ट्र दैनिक जीवन,
शुभ मंगल फलदायक ।
समस्या सही समाधान,
आदर्श चरित्र महानायक ।
धूमिल झूठ पाखंड आडंबर,
दृढ़ संकल्पी नैतिक राह दिखानी है ।
श्रम की अठखेलियों में, खुशियों की रवानी है ।।


स्नेह स्नेह विलोपन डगर,
मनगढ़ंत स्वार्थी परिभाषाएं ।
नैराश्य मरणासन्न बेला ,
उभरती आनंदी अभिलाषाएं ।
विकास प्रगति सलिल धारा,
दर्शित राष्ट्र धरा मोहक धानी है ।
श्रम की अठखेलियों में, खुशियों की रवानी है ।।


महेन्द्र कुमार(स्वरचित मौलिक रचना)
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