"ज्ञानी होने से शब्द समझ में आने लगते हैं और अनुभवी होने से अर्थ"

"ज्ञानी होने से शब्द समझ में आने लगते हैं और अनुभवी होने से अर्थ"

यह उक्ति ज्ञान और अनुभव के महत्व को दर्शाती है। ज्ञान हमें शब्दों का अर्थ समझने में मदद करता है, जबकि अनुभव हमें उनके गहरे अर्थ को समझने में सक्षम बनाता है।

ज्ञान हमें शब्दों का भंडार प्रदान करता है। हम पुस्तकों, शिक्षा, और अनुभवों से नई शब्दावली सीखते हैं। जितना अधिक हम जानते हैं, उतने ही अधिक शब्दों का हम उपयोग कर सकते हैं और अपनी बातों को प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सकते हैं।

लेकिन ज्ञान का अर्थ केवल शब्दों को जानना नहीं है। अनुभव हमें उन शब्दों के पीछे के अर्थ को समझने में मदद करता है। जब हम किसी चीज का अनुभव करते हैं, तो हम उसके बारे में गहराई से समझते हैं। हम जानते हैं कि यह कैसा लगता है, यह कैसे काम करता है, और इसके क्या परिणाम होते हैं।

उदाहरण के लिए :

यदि हमने कभी प्यार का अनुभव नहीं किया है, तो हम "प्रेम" शब्द का अर्थ समझ सकते हैं, लेकिन हम इसकी गहराई और जटिलता को नहीं समझ पाएंगे।

यदि हमने कभी गरीबी का अनुभव नहीं किया है, तो हम "गरीबी" शब्द का अर्थ समझ सकते हैं, लेकिन हम इसकी कठिनाइयों और संघर्षों को नहीं समझ पाएंगे।

ज्ञान और अनुभव एक दूसरे के पूरक हैं। ज्ञान हमें शब्दों का द्वार खोलता है, और अनुभव हमें उस द्वार से गुजरने और उससे परे देखने में मदद करता है। जब हम ज्ञान और अनुभव को एक साथ जोड़ते हैं, तो हम जीवन को गहराई से समझने और सार्थक तरीके से जीने में सक्षम होते हैं।

. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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