जरुरत क्या थी ...?

जरुरत क्या थी ...?

विनय मिश्र "मामूली वुद्धि"
जरुरत क्या थी ...?
पडोसी के पलते आतंक पर मरने की ........!
जरूरत क्या थी.....?
बमो को-- पथ्थर हाथ मे उठाने की ।
जरूरत क्या थी....?
खून से सीमा को लाल करने की......
जरुरत क्या थी........?
नपुंसको के चुनाव पर राष्ट्र को कंगाल करने की ..
बुरी लत दोनो को ,जनता और नेता को गाली खाने की ..
जरुरत क्या थी .........?
कायरो को तलवार थमाने की ।
क्या बात है - छप्पन इंच कथा की .
जरुरत क्या थी...?
सत्य को छोड , झूठ को सजाने की ..
जरुरत थी........
भरपेट खाने की ,
अच्छा पहनने की
सर्वोत्तम शिक्षा.....की
उचित चिकित्सा की...
सौहार्द मे जीवन विताने की.....।
जरुरत थी..
मरते जवानों पर प्रश्न नही , सीना उठाने की ..
केवल दल नही देश जीताने की.
आतंक पर अफसोस नही अस्त्र उठाने की.....
जरुरत थी.......
कायरता के फेके पथ्थर जोड़ने की ..
एक बुलंद स्तंभ बनाने की ।
जरुरत थी......
हर निर्भर को आत्म निर्भर बनाने की....
हर विखरे टूटे फूटे छप्पर को.....
एक सुन्दर घर बनाने की ।
आज जरूरत हैं ..
सत्य को सत्य और झूठ को झूठ बताने की ..
नाजुक हाथों से पत्थर छीन फूल थमाने कीआज बहुत जरुरी है , खुद को आदमी बनाने की !!
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