मन को साधने की सहज साधना पद्धति है इस्सयोग : माँ विजया

मन को साधने की सहज साधना पद्धति है इस्सयोग : माँ विजया

  • माताजी एवं बड़े भैया ने एक सौ से अधिक नव-जिज्ञासुओं को दी शक्तिपात-दीक्षा।

पटना, २० अप्रैल। आध्यात्मिक संस्था 'अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज' के तत्त्वावधान में शनिवार को, गोलारोड स्थित एम एस एम बी भवन में 'शक्तिपात-दीक्षा' का कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्था की अध्यक्ष एवं ब्रह्म-निष्ठ सद्गुरुमाता माँ विजया जी तथा संस्था के उपाध्यक्ष(मुख्यालय) बड़े भैया श्रीश्री संजय कुमार द्वारा, एक सौ से अधिक नव-जिज्ञासु स्त्री-पुरुषों को, इस्सयोग की सूक्ष्म आंतरिक साधना आरंभ करने के लिए आवश्यक शक्तिपात-दीक्षा दी गई।
दीक्षा के पश्चात अपने आशीर्वचन में, माताजी ने कहा कि, 'इस्सयोग' आडंबर-रहित एक अत्यंत सहज और गुरुकृपा से सरलता से की जाने वाली आध्यात्मिक साधना-पद्धति है। इसकी सूक्ष्म आंतरिक-क्रिया मन को साधने तथा ब्रह्म-प्राप्ति की प्रक्रिया है। गुरु-कृपा से, इसे कोई भी सामान्य और गृहस्थ स्त्री-पुरुष सरलता से कर सकता है। इसमें किसी भी भौतिक-सामग्री की आवश्यकता नही होती।
यह जानकारी देते हुए संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने बताया कि, भजन-गायक इस्सयोगी बीरेन्द्र राय और भजन-संयोजिका किरण प्रसाद के संयोजन में, इस्सयोग की विशिष्ट शैली में किए जाने वाले अखंड भजन-संकीर्तन से आरंभ हुआ यह दीक्षा-कार्यक्रम प्रसाद के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर संस्था के संयुक्त सचिव ई उमेश कुमार, लक्ष्मी प्रसाद साहू, सरोज गुटगुटिया, माया साहू, कृष्ण मोहन राय, आनंद किशोर खरे, राजेश वर्णवाल, रवि प्रभाकर, प्रभात चंद्र झा, अमित राज, तथा रविकान्त मूलचंद समेत बड़ी संख्या में संस्था के अधिकारी, स्वयंसेवक तथा साधक-गण उपस्थित थे।
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