हादसे के लिए होटल प्रबंधन जिम्मेदार

हादसे के लिए होटल प्रबंधन जिम्मेदार

उपसम्पादक सुबोध कुमार सिंह की खबर |

राजधानी पटना के सबसे व्यस्त इलाका कहे जाने वाले पटना जंक्शन के निकट होटल में गुरुवार दोपहर आग लग गई। पटना जंक्शन से 50 मीटर दूर पाल होटल में गुरुवार सुबह अचानक आग लग गई। आग ने आसपास के 3 होटलों को भी अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में मां-बेटी समेत 6 लोगों की मौत हुई है। इसमें 3 महिला और 3 पुरुष हैं। सिटी एसपी सेंट्रल सत्यप्रकाश ने बताया कि घायलों में 2 की हालत गंभीर बनी हुई है। जबकि 20 लोगों का इलाज अभी पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) में चल रहा है।

आज होटलों में खर्च की कटौती करने में लोग वैसे कर्मचारियों का चयन कर लेतें है जिन्हें होटल के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं होती इसी का परिणाम रहा यह हादसा |

पटना जंक्शन इलाके में जहां लाखों लोगों की आवाजाही होती है, उस क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर कैसे होटल का संचालन किया जाता रहा? जिस पाल होटल में आग लगी है, वो इस इलाके का नामी होटल भी है। यहां पटना रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले ज्यादातर यात्री भोजन करते हैं। ऐसे में प्रशासन पर सवाल उठना लाजिमी है। जब आग लगी तो आग पर काबू पाने में देर क्यों हो गई? पाल होटल में लगी आग कितनी भयंकर थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करीब 20 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए होटल की बिल्डिंग से ही छलांग लगा दी। आग से झुलसते हुए लोगों ने अपनी जान बचाई, तो कुछ लोगों ने आग में ही दम तोड़ दिया। जिला प्रशासन ने बताया कि होटल में लगी आग से 20 लोगों को रेस्क्यू कर निकाल लिया गया, लेकिन 6 लोगों की दर्दनाक मौत इस आग लगी की घटना में हो गई। आग लगने और धुएं से दम घुटने के कारण मौत के मामले में होटल प्रबंधन की लापरवाही साफ उजागर हो रही है। प्रशासन को शुरुआती जांच में पता चला है कि होटल को फायर विभाग से एनओसी नहीं मिली थी। बिना एनओसी के होटल का संचालन नियमत: गलत है, लेकिन संचालक ने इसकी फिक्र नहीं की। बिना एनओसी के ही होटल का संचालन किया जाता रहा। फायर विभाग ने भी इस मामले में न तो कोई जांच की और न ही कार्रवाई। अब जबकि इतना बड़ा हादसा हो गया तो सबको इसकी याद आई।
होटल में नीचे रेस्टोरेंट चलता है। ऊपर के तीन फ्लोर पर लोगों के ठहरने के लिए कमरे बने हुए थे। हर जगह सुरक्षा के मानकों को लेकर लापरवाही बरती गई। होटल सेफ्टी को लेकर किसी तरह के इंतजाम नहीं किए गए थे। बताते हैं कि रात के समय सबसे नीचे मेन गेट का शटर बंद कर दिया जाता था। इसके ऊपर के फ्लोर पर जहां यात्री ठहरते थे, वहां भी शीशे का दरवाजा लगाया गया था। रात में उसे भी लॉक कर दिया जाता था। एक के बाद एक छ: गैस सिलेंडर फटने के कारण हादसा हुआ नीचे आग लगने के बाद ऊपर धुआं तेजी से फैला।

आग गैस सिलेंडर के फटने से हुआ परन्तु होटल के मालिक नीरज गाँधी ने बताया कि AC में हुए सॉर्ट सर्किट के कारण आग लगा अब यह तो जाँच का विषय है जिसे देखने का काम प्रशासन का है |
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