प्रांतीय विषय प्रमुख सह प्रमुख एवं मार्गदर्शक बैठक आयोजित

प्रांतीय विषय प्रमुख सह प्रमुख एवं मार्गदर्शक बैठक आयोजित

27 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को सरस्वती विद्या मंदिर अजगैवीनाथ धाम सुल्तानगंज के विशाल सभागार में भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति बिहार के तत्वावधान में आयोजित प्रांतीय विषय प्रमुख, सह प्रमुख एवं मार्गदर्शक बैठक आयोजित हुई। कार्यक्रम का प्रारंभ क्षेत्रीय संगठन मंत्री उत्तर पूर्व क्षेत्र ख्यालीराम, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, महर्षि मेंही आश्रम के महंत रघुनंदन बाबा, सुल्तानगंज नगर परिषद अध्यक्ष राजकुमार गुड्डू, विद्यालय के अध्यक्ष डॉ ब्रह्मदेव नारायण सत्यम एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य अश्विनी कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
ख्याली राम ने कहा कि अपने अपने विभाग क्षेत्र में अपने-अपने विषय का समूह बनाना एवं समूह को सशक्त करना है ।अपने विभाग से दूसरे विभाग एवं क्षेत्र में अपना प्रवास तय करना है। कार्यक्रम की पूर्व सूचना पूर्व योजना एवं पूर्ण तैयारी होनी चाहिए। समाज के ऐसे लोगों को जिनके पास डिग्री नहीं भी है किंतु किसी न किसी विषय के वह जानकार हैं उन्हें अपने समूह में जोड़ना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से अपने-अपने विद्यालय में प्लास्टिक का ग्लास, पत्तल, थैला इत्यादि का प्रयोग नहीं करना है। सामाजिक सद्भावना,कुटुंब प्रबोधन, खान-पान में भारतीयता, स्वदेशी जागरण, पर्यावरण वृक्षारोपण, नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करना है। जिस दिन हम सबों को अपने-अपने दायित्व का कर्तव्य समझ हो जाएगा उसी दिन कोई समस्या नहीं रहेगी। लोकतंत्र के महापर्व को उत्सव की तरह मनाना है और अपने राष्ट्र को आगे बढ़ाना है।
प्रस्तावना एवं उपादेयता प्रस्तुत करते हुए प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि कार्यक्रम बाबा की नगरी में रखा गया है जो गंगा की गोद में है। 1977 में जब विद्या भारती पटल पर आया तब बालक के सर्वांगीण विकास के लिए पांच आधारभूत विषय थे बाद में 16 केंद्रीय विषयों को जोड़ा गया। विद्या भारती केवल भैया बहनों का सर्वांगीण विकास नहीं करेगा परंतु विद्या भारती का पांच प्राण है उसका सर्वांगीण विकास करने का संकल्प लिया और आज 31 विषयों को जोड़ा गया है। 1952 से प्रारंभ होकर विद्या भारती आज 2023 तक में इन 31 विषयों को जोड़कर एन ई पी 2020 के नक्शे कदमों पर चलना प्रारंभ है यह बैठक उन 31 विषयों पर चिंतन मंथन कर कार्य योजना बनाने की दृष्टि से है।
राजकुमार गुड्डू ने कहा कि सुल्तानगंज की धरती ऐतिहासिक रही है यहां की पवित्र नदी गंगा सभी के लिए प्रेरणा है। विद्या मंदिर में आने का कई बार अवसर प्राप्त हुआ और जितनी बार आया उतनी बातें सीखने को मिली। जीवन में संस्कार और संस्कृति के साथ-साथ संस्कृत का होना जरूरी है।
महर्षि मेही आश्रम के रघुनंदन बाबा ने कहा कि इस विद्यालय के निर्माण के समय भी नींव रखने आया था और आज यह विद्यालय दिनों दिन आगे बढ़ रहा है इस कार्य में जो भी लोग प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से लगे हैं उनको बधाई है। आप सभी शिक्षा के क्षेत्र में लगे हुए हैं आप सभी पूजनीय है।
कार्यक्रम में अतिथि परिचय प्रधानाचार्य अश्विनी कुमार द्वारा किया गया एवं संचालन भागलपुर विभाग के प्रवासी कार्यकर्ता विनोद कुमार द्वारा किया गया।। इस अवसर पर उमाशंकर पोद्दार,ब्रह्मदेव प्रसाद,राकेश नारायण अम्बष्ट,सतीश कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार ,परमेश्वर कुमार ,गंगा चौधरी, राजेश कुमार, रामचंद्र आर्य, मनोज कुमार, निर्माल्य कुमार, गिरीश कुमार द्विवेदी ,आलोक कुमार ,सुजीत कुमार गुप्ता ,शशि भूषण मिश्र के साथ-साथ लगभग 100 विषय प्रमुख एवं सह प्रमुख उपस्थित रहे।
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