जय सिद्धिदात्री माॅं

जय सिद्धिदात्री माॅं

नवरात्रि का आज अंतिम दिवस ,
नवमी तिथि सिद्धिदात्री खास ।
भक्तों को निज सिद्धियाॅं देकर ,
भक्तों के मन में करती हैं वास ।।
माॅं सिद्धिदात्री हईं प्रसन्न शिव पे ,
अष्ट सिद्धियाॅं उन्हें की हैं प्रदान ।
अष्ट सिद्धियाॅं वे तो प्राप्त करके ,
देवों में देव महादेव हुए महान ।।
खुश होती हैं जिसपे सिद्धिदात्री ,
उसपे बयसाती हैं आठ महिमा ।
वशित्व ईशित्व प्राकाम्य प्राप्ति ,
अणिमा महिमा गरिमा लघिमा ।।
देवों में देव ईश्वरों में भी ये ईश्वर,
परमेश्वरों में परमेश्वर हैं सर्वेश्वर ।
माॅं सिद्धिदात्री की महिमा से ही ,
महादेव बने हैं अर्द्ध नारीश्वर ।।
जय जय जय माता सिद्धिदात्री ,
तुझे मेरा यह कोटि कोटि प्रणाम ।
कर दे तू मेरी भी मंशा यह पूरण ,
अष्ट सिद्धि माॅं मुझे करो प्रदान ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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