आग राग

आग राग

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•

(पूर्व यू.प्रोफेसर)
जल्लादों की बस्ती में,
जुन्नैद का खुतबा कौन सुने!
सबके सब ही फरियादी,
किस किसका शिकवा कौन सुने!
आग लगाने वालों में,
पानी की वीणा कौन सुने!
आग-राग में फर्क नहीं,
होली की गाथा कौन सुने!
कान रात के बहरे हैं,
बिस्तर का रोना कौन सुने!
रंगो गुलाल शिव की भभूत, 
यह गूढ मन्त्रणा कौन सुने
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