“बक्सर में महिलाओं पर पुलिसिया बर्बरता ना सिर्फ़ नारी शक्ति का अपमान है, वरन यह बिहार के प्रशासनिक इतिहास का काला अध्याय है”: आनन्द माधव

“बक्सर में महिलाओं पर पुलिसिया बर्बरता ना सिर्फ़ नारी शक्ति का अपमान है, वरन यह बिहार के प्रशासनिक इतिहास का काला अध्याय है”: आनन्द माधव


बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आनन्द माधव ने एक बयान जारी कर कह है कि बक्सर के चौसा में पावर प्लांट के गेट पर ग्यारह सूत्रीय मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों के घर में घुसकर पुलिस द्वारा उनके परिवार के सदस्यों एवं महिलाओं को मारपीटा जाना तथा तोड़ फ़ोन करना ना सिर्फ़ निंदनीय है, वरन एक शर्मसार करनेवाली घटना है। घर में घुसकर महिलाओं पर लाठी चला कर बक्सर पुलिस कौन सी मर्दानगी दिखा रही थी और किसके आदेश पर ऐसा कर रही थी। नारी शक्ति का अपमान करके एनडीए की सरकार बिहार में क्या संदेश देना चाहती है? एनडीए सरकार का महिला विरोधी चेहरा सबके सामने है।क्या किसान अपने हक़ के लिये धरना-प्रदर्शन भी नहीं कर सकते। ऐसा करके सरकार ने अपने तालिबानी सोच का ही परिचय दिया है। अगर कुछ असामाजिक तत्वों ने उपद्रव किया है तो उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही होनी चाहिये ना कि उसकी आड़ में किसानों के आंदोलन को कुचलनें का प्रयास होना चाहिए। खासकर महिलाओं पर लाठी और लात चलाना तो क़तई नहीं। किसानों के परिवार पर हुए इस अमानवीय अत्याचार की जितनी भी निंदा की जाय कम है। सरकार इस दारिंदगी के पीछे अपनी मंशा स्पष्ट करें तथा दोषियों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। इस पुलिसिया बर्बरता प्रशासन के हैवानियत का परिचय दिया है। बिहार कांग्रेस बक्सर के किसानों एवं उनके परिवार के साथ सहानुभूति रखती है एवं उनके कष्ट में उनके साथ है। किसान न्याय इन सारी समस्याओं का एकमात्र समाधान है।
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