शब्द की सार्थकता

शब्द की सार्थकता

हिन्दी वर्णमाला में सर्वप्रथम स्वर"अ" आता है।अ से ही अक्षर बना।
हिन्दी वर्णमाला का पहला व्यंजन " क "है। जिससे शब्द की उत्पत्ति हुई। इसे ही धारण कर यथा " कलम,कापी और किताब "हम अध्य्यन आरंभ करते हैं।
हिन्दी वर्णमाला का अंतिम अक्षर "ज्ञ"है । जब हम कलम, कापी और किताब को अपने जीवन में अंगिकार कर लेते हैं तब हम ज्ञानी बन जाते हैं।
आज शिक्षा का तथाकथित अलख जगाने वाले जो अपने आपको पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति से जोड़ते हैं, उनकी दृष्टि मे़ हिंदी लिखने वाले असभ्य, अशिक्षित और समाज के अंतिम पायदान पर बैठने वाले होते हैं।
सच्चाई है हम उनसे बहुत आगे है जो अंग्रेजी के पक्षधर हैं।हमारे यहां ११स्वर और
४१ व्यंजन है‌ जबकि अंग्रेजी माध्यम में बताया जाता है केवल ५स्वर और २१ व्यंजन हैं। इस तरह हमारे यहां कुल ५२ अक्षर है जबकि अंग्रेजी शिक्षा में केवल २६ अक्षर हैं।
अंग्रेजी वर्णमाला का पहला अक्षर A है जिससे हमें Animal बनने का प्रशिक्षण दिया जाता है। अंतिम अक्षर Z है जो हमें zebra बनाता है।
हिंदी शिक्षा में सभी रिश्तों के अलग अलग शब्दों का प्रयोग करते हैं तथा चाचा,मामा, फूफा पर अंग्रेजी शिक्षा में तीनों शब्दों के लिए केवल एक शब्द Uncle का प्रयोग करते हैं।
फिर भी हमें अविकसित कहा जाता है। हम हिंदी वाले अविकसित रहना पसंद करेंगे क्योंकि बच्चों को animal नहीं ज्ञानी बनाते हैं
जितेन्द्र नाथ मिश्र
कदम कुआं, पटना

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