जीवन के दो अनमोल रत्न:- "अन्न और आनंद"

जीवन के दो अनमोल रत्न:- "अन्न और आनंद"

अन्न और आनंद, जीवन के दो अनमोल रत्न हैं, जिनकी कीमत कभी नहीं आंकी जा सकती। अन्न, जीवन का आधार है, जो हमें ऊर्जा प्रदान करता है, और आनंद, जीवन का सार है, जो हमें खुशी और संतुष्टि देता है।

अन्न का कण हमें जीवन देता है, हमें पोषण देता है, हमें शक्ति देता है। हमें कभी भी अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए, न ही इसे व्यर्थ करना चाहिए। हमें हमेशा अन्न का सम्मान करना चाहिए और इसका सदुपयोग करना चाहिए।

"आनंद के क्षण* जीवन के वे पल होते हैं, जो हमें खुशी, उत्साह और प्रेरणा देते हैं। ये पल क्षणभंगुर होते हैं, इसलिए हमें इनका भरपूर आनंद लेना चाहिए। हमें इन क्षणों को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।

हमेशा मुस्कुराते रहना जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। मुस्कुराने से हमारे चेहरे पर ही नहीं, बल्कि हमारे मन में भी सकारात्मकता आती है। मुस्कुराने से हम खुद को और दूसरों को भी खुश कर सकते हैं।

अपनों के लिए मुस्कुराना और उन्हें खुशी देना जीवन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। जब हम अपने परिवार और दोस्तों के लिए मुस्कुराते हैं, तो यह उनके लिए प्रेम और स्नेह का प्रतीक होता है।

यही जीवन है - अन्न और आनंद का मिश्रण। हमें हमेशा अन्न का सम्मान करना चाहिए, आनंद के क्षणों का भरपूर आनंद लेना चाहिए, और हमेशा मुस्कुराते रहना चाहिए।

यह जीवन हमें सिखाता है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए और जीवन का भरपूर आनंद लेना चाहिए।

. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ