मानवीय मूल्यों के संरक्षिका थी सुनंदा मराठे --------- डॉ विवेकानंद मिश्र

मानवीय मूल्यों के संरक्षिका थी सुनंदा मराठे --------- डॉ विवेकानंद मिश्र 

    गया/ काठगची स्थित मराठे भवन में प्रसिद्ध समाज सेवी परम विदुषी धर्म परायण सुनंदा प्रभाकर मराठे के स्मृति में पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्र ने अपने उद्धगार में कहा की मां जी  विवेक धैर्य क्षमा शांति दया और  समन्वय प्रवृत्ति जैसी श्रेष्ठ गुणों से परिपूर्ण थी।सचमुच वे मानवीय जीवन की अमूल्य धरोहर थीं उनका सम्पूर्ण  जीवन हीं एक आदर्श नारी की थी। क्योंकि उनके चरित्र में सम दृष्टि का अनंत विस्तार था। उल्लेखनीय है कि वह अपने पीछे भरे पूरे परिवारों के अलावे बड़ी संख्या में रहे अपनी शुभचिंतकों को छोड़कर गोलोक धाम चली गईं। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने प्रभु से प्रार्थना किया कि उनकी दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करें तथा इस दु:ख की घड़ी में उनके समस्त शोक संतप्त परिवारों के साथ बड़ी संख्या में रहे उनके शुभचिंता को धैर्य धरण की शक्ति प्रभु दें। 
         जिन प्रमुख व्यक्तियों ने उपस्थित होकर पुष्पांजलि अर्पित की उनमें अच्युत प्रभाकर मराठे अनंत प्रभाकर मराठे अलका विनायक जोशी चिंतामणि अच्युत मराठे पवन मिश्रा लीला देवी रवि बसंत मराठे नीलम कुमारी देवेंद्र नाथ मिश्र 
गायत्री अच्युत मराठे, प्रीति अनंत मराठे,अवधूत विनायक जोशी,पवन विनायक जोशी, गौरी देवेश्वर आर्वीकर, प्रेरणा अनंत मराठे, पार्वती अच्युत मराठे ,ऋषिका अनंत मराठे
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