मैंने तुम्हें देखा था अभी यहीं ठहाकों के बीच : अकेला

मैंने तुम्हें देखा था अभी यहीं ठहाकों के बीच : अकेला

  • डॉ.शंकरदयाल सिंह की 86वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई
  • कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं का मन मोह लिया
  • दस साहित्यकार,पत्रकार एवं समाजसेवक सम्मानित हुए 
हमारे दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर

पटना,(दिव्य रश्मि)। मैंने तुम्हें देखा था,अभी यहीं ठहाकों के बीच, पर अचानक कहाँ गुम हो गये तुम, किन ख्यालों में, किन ख्वाबों में,तुम्हें कहाँ ढूंढे,धार के इस पार या उस पार।

स्थानीय कदमकुऑ स्थित बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में साहित्य, कला व संस्कृति की संवाहक संस्था "साहित्यकुंज" द्वारा आयोजित डॉ.शंकरदयाल सिंह की 86वीं जयंती समारोह सह सम्मान समारोह में उपरोक्त कविता की चंद पंक्तियों के माध्यम से देश के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार व भूतपूर्व सांसद डॉ. शंकरदयाल सिंह को स्मरण करते हुए जाने माने हास्य-व्यंग्य के कवि,कथाकार,पत्रकार एवं साहित्यकुंज के प्रधान महासचिव अरविन्द अकेला ने कहा कि डॉ. शंकरदयाल सिंह का व्यक्तित्व विशाल बरगद की तरह था।डॉ. शंकरदयाल जी राजनीति की धूप में अपना जीवन बिताते हुए भी साहित्यकारों,कवियों,कलाकारों के लिए साहित्य की छाँव प्रदान किया करते थे ।
वरीय साहित्यकार एवं बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ की अध्यक्षता में आयोजित डॉ.शंकरदयाल सिंह जयंती समारोह सह सम्मान समारोह का उद्घाटन भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ.सी.पी.ठाकुर ने किया ।
मुख्य अतिथि राजीव रंजन प्रसाद,ग्लोबल अध्यक्ष, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस एवं राष्ट्रीय सचिव जद यू, विशिष्ट अतिथि अंतरराष्ट्रीय शायर डॉ.कासिम खुर्शीद,अवकाश प्राप्त इंजिनियर अवध बिहारी सिंह ने डॉ.शंकरदयाल सिंह को विशाल हृदय का विशाल व्यक्तित्व बताया।लोगों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि डॉ. शंकरदयाल सिंह उन्मुक्त हंसी एवं उन्मुक्त कंठ के लिए सदैव याद किये जायेंगे।
इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में वरीय वरीय अंतरराष्ट्रीय शायर डॉ.कासिम खुर्शीद,शायरा तलत परवीन,वरीय कवि जियालाल आर्य,डॉ.मेहता नागेंद्र सिंह,वरीय कवयित्री ,चंदा मिश्रा,मीना परिहार,ईजिनियर अशोक कुमार सिंह एवं पुजारी जी एक दर्जन कवियों ने अपनी कविता के माध्यम से संपूर्ण वातावरण को काव्यमय बना दिया।
बिहार के लब्धप्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक"चौथी वाणी"के प्रधान संपादक एवं वरीय पत्रकार श्री रूपेश कुमार सिंह को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ.शंकरदयाल सिंह सम्मान से सम्मानित किया गया। 
       श्री सिंह को उपरोक्त सम्मान स्थानीय कदमकुऑ स्थित बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में साहित्य कला एवं संस्कृति की संवाहक संस्था "साहित्यकुंज "द्वारा आयोजित डॉ.शंकरदयाल सिंह जयंती समारोह में ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष एवं जद यू के राष्ट्रीय सचिव श्री राजीव रंजन प्रसाद, कवि,
कथाकार,पत्रकार एवं साहित्यकुंज के प्रधान महासचिव अरविन्द अकेला, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ, भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्म श्री डॉ.सी.पी.ठाकुर एवं वरीय साहित्यकार एवं अवकाश प्राप्त आइ ए एस जियालाल आर्य द्वारा प्राप्त किया गया।
      श्री रूपेश के अलावे पत्रकारिता के क्षेत्र में लब्धप्रतिष्ठ हिन्दी मासिक पत्रिका के प्रधान संपादक व वरीय पत्रकार श्री राकेशदत्त मिश्र एवं देश की लोकप्रिय समाचार एजेंसी वार्ता के उप संपादक प्रेम कुमार सिन्हा,हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में बिहार गीत के रचयिता वरीय कवि कविवर सत्यनारायण, वरीय कवि डॉक्टर मेहता नगेंद्र सिंह, डॉ.शंकर प्रसाद,पंडित विश्वनाथ शुक्ल "चंचल"(मरणोपरांत)एवं वरीय कवयित्री डॉ.मधुवर्मा को जबकि सामाजिक क्षेत्र में भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.सी.पी.ठाकुर एवं डॉ. एम पी जैन को डॉ.शंकरदयाल सिंह सम्मान से सम्मानित किया गया। 
      इस अवसर पर अवध बिहारी सिंह,शालिनी मिश्रा इंजिनियर अशोक कुमार सिंह ,श्रीकान्त व्यास एवं श्रीकृष्ण रंजन सिंह सिंह की गरिमामई उपस्थिति देखने को मिली।

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