आज वर्ष दो हजार तेइस जा रहा

आज वर्ष दो हजार तेइस जा रहा,

कल नया वर्ष अब आना है।
सब भूल पुराने सपनों को ,
हमें नये नये सपने सजाना है।
कुछ खट्टे थे , कुछ मीठे थे ,
कुछ कड़वे थे , बीते साल के सपने ।
थी अलग अलग डफली अपनी,
था राग गान अपने अपने ।
अब नया वर्ष के आने पर ,
सब मिलकर एक सुर में गायेंगे ,
जय बोल कर भारत माता की ,
जय श्री राम का नारा लगायेंगे । 
 जय प्रकाश कुंअर
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