आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर राजनीति उचित नहीं:-कुमारी अंबिका एवं गीता देवी

आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर राजनीति उचित नहीं :- कुमारी अंबिका एवं गीता देवी

संसद के चालू सत्र में आतंकवाद जैसी घटनाएं होने पर देश के नागरिकों की चिंता स्वाभाविक है। सदन में उपस्थित सांसदों के लिए तो और भी चिंता का विषय है। प्रत्येक सांसद को तथा राजनीतिक दलों को इस राष्ट्र विरोधी घटना पर एकजुट होकर राष्ट्र को सकारात्मक संदेश देना चाहिए था। आरोपियों को सख्त और शीघ्र कानूनी सजा दिलाने तथा ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न होने देने के लिए संसद में गंभीर विचार -विमर्श करनी चाहिए थी, जबकि दुर्भाग्य से ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर भी हमारे जनप्रतिनिधि द्वेषपूर्ण राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं। आखिर देश की नयी पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहते हैं । यह कथन है कौटिल्य मंच के वरिष्ठ सदस्य कुमारी अंबिका एवं गीता देवी का। ऐसे विरोधीगण को संसदीय गरिमा को बनाए रखने की जवाबदेही समझनी चाहिए। हर बात पर संसद का बहिष्कार, हंगामे कर देश-विदेश में संसदीय कार्यक्रम के दर्शकों में भी ऐसे आचरण से देश की कैसी छवि बन रही है, इसकी परवाह ही नहीं माननीयों को । यह आम मतदाताओं के लिए भी शर्म एवं चिंता का विषय है।
कौटिल्य मंच से जुड़े जिन प्रमुख लोगों ने कुमारी अंबिका एवं गीता देवी के संयुक्त बयान का समर्थन किया है उनमें कविता राऊत तरन्नुम तारा किरण पाठक पियूषा गुप्ता पूजा कुमारी नीलम कुमारी संगीता कुमारी पुष्पा गुप्ता प्रेरणा मराठे वैष्णवी मांडवी गुर्दा तारा सुमो चक्रवर्ती रुक्मणी पाठक प्रियंका मिश्रा मृदुल मिश्रा गीता देवी प्रोफेसर संगीता सिन्हा माधुरी देवी ममता देवी प्रोफेसर रीना सिन्हा रीना पांडे बेबी देवी तसलीमा नुसरत परवीन रेशमा सुनीता देवी रंजना पांडे रजनी चावला फुल कुमारी सरिता ठाकुर नीला देवी पार्वती देवी अर्चना मिश्रा अर्चना बनर्जी आदि उल्लेखनीय हैं।
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