काशी के पावन भूमि पर द्वि-दिवसीय ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का शुभारंभ !’

काशी के पावन भूमि पर द्वि-दिवसीय ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का शुभारंभ !’
मंदिरों को संगठित करके ‘मंदिर मुक्ति अभियान’ से होगा
गांव-गांव में हिन्दू राष्ट्र का उद्घोष !
वाराणसी - भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित किया जाए इस पर विचार मंथन एवं कार्ययोजना बनाने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का शुभारंभ शंखनाद, दीपप्रज्वलन एवं वेदमंत्रपठन से हुआ । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे जी ने कहा कि आज के समय संपूर्ण देश में जिस प्रकार से हिन्दू राष्ट्र की चर्चा हो रही है, उस प्रकार से हिन्दू राष्ट्र के विरोध में अपप्रचार भी किया जा रहा हैं । हम विशुद्ध सनातन धर्म पर आधारित रामराज्य की व्यवस्था के पक्षधर हैं । हमें लोकतंत्र में धर्मनिष्ठ राजकर्ता चाहिए तथा उसे भी राजकार्य करने के लिए धर्मोपयोगी मार्गदर्शन करने की व्यवस्था चाहिए । आनेवाले समय में गांव गांव में हिन्दू राष्ट्र की मांग का उद्घोष होने हेतु अभियान चलाना है ।
अखिल भारतीय विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य (डॉ.) कामेश्‍वर उपाध्याय ने बताया कि हिन्दू राष्ट्र के लिए अलग संविधान बनना चाहिए । भारत के हिन्दू राष्ट्र घोषित होते ही विश्‍व के किसी भी भाग में स्थित हिन्दुओं के समस्याओं का निराकरण होगा । विश्‍व के किसी कोने में अगर हमारा हिंदू भाई बहन दुखी होता रहता है तो वह दुख हमें भी होना चाहिए, उसके रक्षा के लिए हमें समर्पित रहना चाहिए । विश्‍व के हिंदुओं का नेतृत्व हम हिंदुओं का दायित्व है ।

मंदिरों की सुरक्षा एवं सरकारीकरण से मुक्ति हेतु ‘मंदिर-न्यास परिषद’ निर्माण करने का आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु निलेश सिंगबाळ ने किया । मंदिरों के सुप्रबंधन हेतु अभ्यासक्रम तैयार करके मंदिर प्रबंधकों के लिए शिविर लेने के बारे में सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने बताया ।
अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले जी द्वारा प्रेषित शुभ संदेश का वाचन किया गया । इस के उपरांत संतों के करकमलों से सनातन पंचांग एंड्राईड पंचाग 2024 का विमोचन किया गया । इस अधिवेशन में उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, असम, बंगाल, देहली एवं नेपाल से हिन्दुत्वनिष्ठ सहभागी हो रहे हैं ।

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