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नकारात्मक सोच कर क्या मिलेगा,

नकारात्मक सोच कर क्या मिलेगा,

मन दुःखी, तन शिथिल होता रहेगा।
कीजिए आभार जिसने जीवन दिया,
जो लिखा भाग्य में, वह होकर रहेगा।

है कृपा श्री राम की, मानव तन मिला,
भटक कर योनियों में, मानव तन मिला।
मानवता के हित जियें और समर्पण करें,
देवताओं को भी दुर्लभ, मानव तन मिला।


मुश्किलें आती, हौसलों का इम्तिहान लेती,
मुश्किलों से डरना नहीं, वह पैग़ाम भी देती।
बन्द होता एक रास्ता, नये की तलाश करो,
मुश्किलें नित हौसला, नये मुक़ाम भी देती।

अ कीर्ति वर्द्धन
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