'हिन्दी दिवस 'की धूम है ।

'हिन्दी दिवस 'की धूम है ।

डा• मेधाव्रत शर्मा, डी.लिट.
(पूर्व यू.प्रोफेसर)
हिन्दी-- भाषा और साहित्य की सेवा में प्रोफेसरी करते हुए जिंदगी खप गई और अब सेवा-निवृत्त अवस्था में रहते हुए भी समझ न सका कि तथाकथित 'हिन्दी-दिवस 'का मतलब क्या है।U•N•Tripathi की "मैं हिन्दी हूँ 'कविता बहुत अच्छी लगी। मगर यह सवाल दिमाग में चक्कर काटता रह गया कि आखिर हिन्दी-दिवस का मतलब क्या है?
"हिन्दी-दिवस " कोई जयन्ती है या पुण्य-पर्व?तुलसी-जयन्ती मनाते हैं, तुलसी के कृती व्यक्तित्व और कृतित्व का संस्मरण करते हैं। क्या यही मामला 'हिन्दी-दिवस 'के प्रसंग में भी तो नहीं?हिन्दी 'राष्ट्रभाषा 'के पद पर अभिषिक्त होते -होते रह गई। अत्यंत दूषित राजनीतिक हस्तक्षेप ने एक राष्ट्रीय गौरवपूर्ण संभावना पर पानी फेर दिया। उसी का रोना तो कहीं नहीं 'हिन्दी-दिवस '?यानी, तुलसी-जयन्ती की ही मानिंद 'हिन्दी-दिवस'भी हो रहा। अच्छा होता 'हिन्दी-दिवस 'की बजाए "हिन्दी-जयन्ती "कहते। दुनिया के किसी भी देश में भाषा के नाम पर कोई 'दिवस 'नहीं मनाया जाता। " हिन्दी-दिवस "--यह कैसा विद्रूप है?शायद मेरे दिमाग में इतना अवकाश नहीं कि मैं इसका मतलब समझ सकूँ। सब लोग बोल रहे हैं, तो मैं भी बोल दूँ--"जय हिंदी "। न बोलूँगा,तो डर है, हिन्दी-भक्त मुझ पर 'लाठीचार्ज 'न कर दें। तथास्तु।
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