हमारे वैज्ञानिकों ने अल्लाह को झूठा साबित कर दिया !
लेखक बृज नन्दन शर्मा |
हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने चंद्रयान को चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव में सफलता से उतार कर सिद्ध कर दिया की वास्तव में भारत विश्वगुरु है ,क्योंकि दुनिया बड़े बड़े देश के वैज्ञानिक जिस काम में हर बार असफल हो चुके थे उसे हमारे वैज्ञानिक बड़ी आसानी से कर दिए इसके पीछे उनका कठोर परिश्रम और लोगों की प्रार्थनाएं हैं लेकिन इस सफलता से झंडे पर चाँद लगाने वाले ओवैसी जैसे लोगों का अल्लाह झूठा साबित हो गया इसके लिए दो उदहारण दिए जा रहे हैं इनसे पता चल जायेगा कि अल्लाह कितना ज्ञानी है और उसका दावा कितना सच है
1-चन्द्रमा के लिए सीढियां
अल्लाह चाँद को किसी थाली जैसी वस्तु मानता है जो मक्का के ऊपर आसमान में लटकी रहती है और कोई भी मुस्लिम किसी बड़ी मीनारपर चढ़ कर चाँद को छू सकता है इसी लिए मुसलमान जगह जगह बड़ी बड़ी ऊँची मीनारें बनाते है जिनमे अंदर सीढ़ियां होती हैं
अल्लाह के अनुसार चन्द्रमा पर जाने के लिए सीढियों की जरूरत होगी .और लोग बिना किसी यान के एक एक सीढी चढ़ कर चाँद पर पहुँच जायेंगे .अल्लाह मुसलमानों से कहता है "
निश्चय ही इसके लिए ( चंद्रमा पर जाने के लिए ) तुम्हें एक के बाद एक सीढी चढ़ना पड़ेगीं "
सूरा -इन शिकाक 84 :19
"لَتَرْكَبُنَّ طَبَقًا عَنْ طَبَقٍ "
( इसके लिए अरबी में " तरक्बुन्न तबकन अन तबक "यानि by scalating step by step )
अल्लाह के अनुसार जैसे कोई मुल्ला एक एक सीढी चढ़ कर मस्जिद की ऊंची मीनार पर चढ़ जाता है ,वैसे ही मुसलमान सीढ़ियाँ चढ़ कर चाँद पर पहुँच जायेंगे .
2-अल्लाह की चुनौती
लगता है कि अल्लाह को विज्ञानं की प्रगति और शक्ति का अंदाजा नहीं होगा ,या वह सभी को अपने रसूल जैसा अनपढ़ समझता होगा .तभी उसने मनुष्यों को ऐसी चुनौती दे डाली होगी . अल्लाह ने कहा कि ,
हे मनुष्य और जिन्नों के समूहों यदि तुम में सामर्थ्य हो तो ,इस धरती की परिधि से निकल कर आकाश की सीमा में प्रवेश करके अन्दर घुस कर आगे निकल जाओ " सूरा -रहमान 55:33
न तो तुम धरती की सीमा से बहार निकल सकते हो ,और न आकाश की सीमा में प्रवेश कर सकते हो "सूरा - अनकबूत 29:22
लेकिन अल्लाह की यह चुनौती उस समय बेकार हो गयी जब जब 23 अगस्त 2023 को शाम के 6 बजे भारत का चंद्रयान धरती के गरूत्वाकर्षण (gravitation Field )सीमा को पार कर के चन्द्रमा की सीमा में घुस कर चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव में उतर गया और अपना काम करने लगा ,और अल्लाह देखता रह गया ,एक तरफ मुसलमानों के अल्लाह के ज्ञान का नमूना है तो दूसरी तरफ हमारे ईश्वर का ज्ञान है जिसने पहले ही कह दिया भारत लोग विमान से अंतरिक्ष की सैर करेंगे
सुत्रामाणं पृथिवीं द्यामनेहसं . यो अन्तरिक्षे रजसो विमानः कस्मै देवाय हविषा विधेम .
बताइये आप किसकी इबादत करेंगे ,अल्लाह की ? या ईश्वर की ?
(नोट -यह लेख हमारे पुराने लेख 200 /73 पर आधारित है )(506)
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