भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता को लेकर विचार गोष्ठी हुई संपन्न

भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता को लेकर विचार गोष्ठी हुई संपन्न

ग्रेटर नोएडा। यहां पर "दयानंद वाटिका" में एक विशेष कार्यक्रम में भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता विषय को लेकर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजार्य सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह आर्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए । जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत हिंदुओं के लिए अंतिम शरण स्थली है। यदि हिंदू हिंदुस्तान में भी जीवित नहीं बचा तो उसके लिए अन्यत्र कहीं कोई ठिकाना नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस या किसी भी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल की यदि सरकार बनती है तो उससे यह अपेक्षा की जा सकती है कि वह हिंदूहित की बात नहीं करेगी, पर आज की नरेंद्र मोदी सरकार से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती, क्योंकि यह सरकार डंके की चोट हिंदू हित की बात करने के लिए कह कर सत्ता में आई है। उन्होंने कहा कि आज हिंदुओं के धर्म स्थलों का पैसा जजिया कर के रूप में चर्च और मस्जिदों पर जाकर खर्च हो रहा है जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज हम सबको मिलकर हिंदू हित की राजनीति को देश के लिए अनिवार्य घोषित करना होगा।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे उगता भारत के चेयरमेन श्री देवेंद्र सिंह आर्य ने कहा कि भारतवर्ष में संविधान घोषित करता है कि लोगों के बीच जाति, संप्रदाय और लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा, पर यदि व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो पता चलता है कि इन तीनों के आधार पर हिंदू समाज के साथ बहुत अधिक अन्याय किया गया है। इस अन्याय को समाप्त करने के लिए अब देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का समय आ चुका है। यह तब और भी अधिक अनिवार्य हो जाता है जब देश का संविधान पहले ही घोषित कर चुका है कि भारत वर्ष में एक समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित रहे भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने नेहरू द्वारा लाए गए हिंदू कोड बिल का इसी आधार पर विरोध किया था कि जब देश का संविधान समान नागरिक संहिता लाने की बात करता है तो देश में हिंदू कोड बिल के स्थान पर कॉमन सिविल कोड लाना चाहिए। यदि देश अपने पहले राष्ट्रपति की इस बात को स्वीकार कर लेता तो आज की कितनी ही समस्याओं का जन्म लेने से पहले ही अंत हो गया होता।
इस अवसर पर सत्य सनातन संस्कृति सेवा समिति के अध्यक्ष श्री महावीर सिंह आर्य ,सचिव श्री सी एस पुंडीर, आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के कोषाध्यक्ष आर्य सागर खारी, राजार्य सभा के नेता रविंद्र आर्य , यशवीर सिंह आर्य, किशन लाल आर्य, क्रांतिकारी नेता सत्य मुनि आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और इस बात पर बल दिया कि केंद्र सरकार को यथाशीघ्र कॉमन सिविल कोड लाना चाहिए। जिससे देश में अफरा-तफरी फैलाने वाले लोगों की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व में पीडब्ल्यूडी विभाग में अधिकारी रहे श्री चाहत राम द्वारा की गई जब कि कार्यक्रम का सफल संचालन युवा नेता कार्य सागर खारी द्वारा किया गया।
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