कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विजय दिवस समारोह सेना के जवान वेतन के लिए नहीं वतन के लिए लड़ते हैं : डॉ.सुरेंद्र

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विजय दिवस समारोह  सेना के जवान वेतन के लिए नहीं वतन के लिए लड़ते हैं : डॉ.सुरेंद्र

हमारे दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर
औरंगाबाद,(दिव्य रश्मि)। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विजय दिवस समारोह जिला मुख्यालय स्थित संस्कृत महाविद्यालय के सभाकक्ष में धूमधाम से मनाया गया।
जनेश्वर विकास केंद्र के तत्वावधान में आयोजित कारगिल विजय दिवस को समारोह पूर्वक मनाया गया ।
दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा सूर्यपत सिंह ने किया जबकि कुशल संचालन संस्था के सचिव, अधिवक्ता एवं महोत्सव पुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने किया‌ ।
सर्वप्रथम कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ सरजपत सिंह,कुटुंबा ब्लाक प्रमुख धर्मेंद्र कुमार, मुख्य अतिथि साहित्य -सेवी डॉ. सुरेंद्र प्रसाद मिश्र,प्रोफेसर रामाधार सिंह,पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष डॉ. टी. के. सिंह,रामानुज पांडेय, रामकिशोर सिंह, जयनंदन पांडेय,
सिद्धेश्वर विद्यार्थी एवं कविता विद्यार्थी ने कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। रामजी सिंह,राजेंद्र प्रसाद सिंह,कविता विद्यार्थी,जनेश्वर यादव एवं डॉ. महेंद्र आदि ने आगत अतिथियों का स्वागत पुष्प-माला एवं पुष्पगुच्छ देकर किया। समाजसेवी रामजी सिंह ने आगत अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण दिया और विषय प्रवेश कराया।
'कारगिल विजय दिवस: वीर सैनिकों की विजय गाथा' विषयक संगोष्ठी की शुरुआत करते हुए कुटुंबा प्रमुख धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि आज का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने योग्य है क्योंकि आज के दिन ही दुश्मन की सेनाओं पर भारतीय सेना ने युद्ध में जबरदस्त विजय प्राप्त की थी।
अपनी बातों को रखते हुए डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि कारगिल का युद्ध वस्तुत:अपने देश के वीर सैनिकों द्वारा राष्ट्र के गौरव संवर्धन के लिए दी गयी एक बड़ी विजय सौगात है।आगे उन्होंने कहा कि हमारे वीर सैनिक वेतन के लिए नहीं बल्कि वतन के लिए काम करते हैं।
पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष डॉ. डी.के. सिंह और सचिव जे.पी.सिंह ने सविस्तार कारगिल युद्ध का जीवंत शव्द चित्र प्रस्तुत किया और लोगों को जोश से भर दिया ।‌फलत: दर्शक दीर्घा के श्रोता भारत माता की जय और वंदे मातरम का जयघोष करने लगे तत्पश्चात भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रामानुज पांडेय ने सविस्तार जोशीले अंदाज में भारतीय वीर सैनिकों का प्रशस्ति गान किया।
इस अवसर पर नगर के तमाम बुद्धिजीवी,शिक्षक ,व्यवसायि,समाजसेवी आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिन लोगों ने कारगिल विजय दिवस पर अपनी अभिव्यक्ति दी उसमें ज्योतिर्विद शिव नारायण सिंह,
शिक्षक नेता राम भजन सिंह,कवि राम किशोर सिंह,लव कुश प्रसाद सिंह,भाजपा के पूर्व अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह एवं पूर्व पुलिस अधिकारी मुरलीधर पांडेय सहित कई लोग सम्मिलित थे।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कारगिल विजय दिवस के शायर शहीदों के परिजनों और और उपस्थित अन्य वीर सैनिकों का अभिनंदन समारोह आयोजित हुआ ।अतिथियों के द्वारा वीरों को पुष्पमाल,
अंगवस्त्रम एवं प्रमाण पत्र देकर अलंकृत करते हुए सम्मानित किया गया।जिन महत्वपूर्ण परिजनों और सेना के निवर्तमान जवानों को पुरस्कृत और सम्मानित किया गया उनमें हैं- क्रमश:शहीद कैप्टन शिवशंकर शर्मा,शहीद शिवशंकर गुप्ता,राजेंद्र भगत,अर्जुन सिंह एवं जितेन्द्र कुमार के परिजन और सैनिक कैलाश ठाकुर,पप्पू सिंह आर पी सिंह,प्रेम सिंह एवं मिथलेश कुमार आदि थे।
अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ ही शौर्य दिवस कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, बिनोद मालाकार, गिरजेश नारायण सिंह, मधुरेन्द्र सिंह एवं शिवम आदि थे । अंतिम कार्यक्रम के रूप में शाम 7 बजे पूर्व सैनिक संघ के प्रस्तावित कार्यालय स्थल गेट स्कूल से शिवशंकर गुप्ता,राज़ा नारायण सिंह के प्रतिमा स्थल तक कैंडल मार्च निकाला गया।सम्पूर्ण मार्ग में शहीद सैनिकों के अमर होने और भारत माता कि जय के नारे लगते रहे।अंत में उक्त दोनों के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का समापन किया गया।
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