जिंदगी इम्तिहान देती है ।

जिंदगी इम्तिहान देती है ।

जिंदगी इम्तिहान लेती है ,
जिंदगी इम्तिहान देती है ।
जिंदगी इम्तिहान लेते देते ,
जिंदगी तो पहचान देती है ।।
किसी का ईमान लेती है ,
किसी को ईमान देती है ।
जिंदगी ही तो जिंदगी को ,
कटु या मधुर बयान देती है ।।
किसी को इंसान बनाती है ,
किसी को महान बनाती है ।
खुश हो गई जिंदगी यदि तो ,
जिंदगी को भगवान बनाती है ।।
कभी हार कभी जीत जाती है ,
जिंदगी खुशी की गीत गाती है।
संवरती इम्तिहान से जिंदगी ,
जिंदगी जिंदगी को भाती है ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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