![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiFjRqtyNmU1lwu3KPddaMsAZfSTE8Z6-xDbkhJofNEHcK2syNDSzaDZvGzZoNDKDa66xIHg6c9xyev-uq1pt4fE24v5GKbmlroJc0_d_pOKkageKN-_vou21S9uc6DcmBBJ2FfPuqNrRvC/s320/WhatsApp+Image+2020-06-20+at+7.23.57+AM.jpeg)
प्यासा कौवा चोंच खोलकर,देख रहा है नल
प्यासा कौवा चोंच खोलकर,देख रहा है नल।
गर्मी से सुखे अधरों को मिल अरे कुछ जल।।
पर धरती खुद है सुनी-सुनी,वह भी बड़ी विकल।
आसमान है सुना-सुना ये सुखा-सुखा बादल।।
प्यास लिए सब तड़प रहा है होकर अति निर्बल।
बिन पानी सब पानी-पानी है पानी नहीं रसातल।।
जल है जीवन जान समझ लो इसको मेरे बौवा।
नहीं तो हो जायेगा जीवन सचमुच एक दिन हौवा।।
तड़प-तड़प कर प्राण रहेगें ब्राह्मण हो या नौवा।
मुंह बाए सब रह जायेंगें जैसा की है ये कौवा।।
---: भारतका एक ब्राह्मण.हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com