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पिता के बिना संतानों का कोई अस्तित्व नहीं :शिवनारायण

पिता के बिना संतानों का कोई अस्तित्व नहीं :शिवनारायण 

हमारे दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर 

औरंगाबाद,(दिव्य रश्मि)।अन्तर्राष्ट्रीय पिता  दिवस के अवसर पर जनेश्वर विकास केंद्र के तत्वावधान में " पिता संतानों का पालनहार" बिषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई।
       संगोष्ठी अधिवक्ता संघ भवन,औरंगाबाद में अध्यक्ष रामजी सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । जनेश्वर विकास केन्द्र के केंद्रीय सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि समारोह के मुख्य अतिथि महान ज्योतिष विद शिवनारायण सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पिता स्वर्ग से भी बड़ा होता है । पिता के कारण ही संतान इस दूनिया में आता है तथा पिता के कारण ही संतानों का अस्तित्व इस दूनिया में  है इसलिए संतानों को अपने पिता  को दिल से सम्मान करना चाहिए । शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार सिंह , सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बर्मा ,सत्यचंडी महोत्सव के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ,खेल कौशल के संयोजक एवं पत्रकार रामाकांत सिंह ने अपने संबोधन में संतानों के लिए पिता के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि संतानों के लिए पिता पालनहार होता है । पिता हजारों कष्ट सहकर भी उनके सुखमय जीवन के लिए कार्य करता है अतः हर संतानों को पिता को भगवान की तरह पूजा और सेवा करना चाहिए ।
        सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने कहा कि इस दूनिया में सब कोई जीतना चाहता है पर  पिता  एक ऐसा प्राणी होता है जिसको संतानों से हारने में आनंद आता है । संतान जितना भी योग्य होते जाता है पिता की खुशी बढ़ते जाती है । अध्यक्षीय भाषण में रामजी सिंह ने संतानों को श्रवण कुमार से सीख लेकर पिता के सेवा करने का आह्वान किया । धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने अनुरोध किया कि विश्व योग दिवस 21जुन को  कृष्ण स्मृति भवन में  आयोजित योग दिवस समारोह में भाग लें ।   
        संगोष्ठी में कवि लवकुश सिंह ,सत्यचंडी महोत्सव के उपाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह,साहित्य संवाद के अध्यक्ष लालदेव सिंह, अधिवक्ता गिरजेश नारायण सिंह,बिनोद मालाकार,दयापात्र सिंह,सुमन सौरभ,रवि प्रकाश आदि उपस्थित थे ।

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