श्रीराम भजन

श्रीराम भजन

राम श्रीराम जय राम हरे राम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
जय रघुनंदन जय सियाराम ।
कौशल्या नन्दन ___ ।।
रघुकुल वंशज मर्यादित राम ।
विष्णुपुरी रूपी अयोध्या धाम ।।
दशरथ नंदन तुम्हें प्रणाम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
जस प्रिय माता तस प्रिय पिता ।
जस प्रिय भ्राता तस प्रिय सीता ।।
मर्यादा पुरुषोत्तम जय श्रीराम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
जस मां कौशल्या तस कैकेई सुमित्रा ।
जस सब भ्राता तस सब मित्रा ।।
अनुजों के अग्रज प्यारे राम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
साधु संत के तुम काज संवारे ।
दुष्ट दैत्य दानव तुम मारे ।।
तुम ही सुबह तुम ही शाम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
विश्वामित्र संग स्वयंवर गयऊ ।
शिवधनु भंज जनकपुर दिखयऊ ।।
वैदेही लाज तुम राख्यो राम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
धनु टंकार त्रिलोक जब सुना ।
परशुराम क्रोधित भए चौगुना ।।
बार बार परशु उठावे परशुराम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
सीता संग राम परिणय भयऊ ।
जनकपुर सुता अयोध्या गयऊ ।।
धरती पुत्री जनकपुर धाम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
राम श्रीराम जय राम हरे राम ।
कौशल्या नन्दन सीताराम ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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