प्रसिद्ध साहित्यकार करतार सिंह जाखड़ की सात पुस्तकों का लोकार्पण

प्रसिद्ध साहित्यकार करतार सिंह जाखड़ की सात पुस्तकों का लोकार्पण

  • कुलपति डहेरिया व कीर्ति वर्धन सहित सैकड़ों ने कहा साहित्यकार होना अहोभाग्य
भिवानी। प्रसिद्ध साहित्यकार एवं अंग्रेजी प्रवक्ता प्रो० करतार सिंह जाखड़ ने जहा राष्ट्र की सेवा में वायु सेना में 20 वर्ष योगदान दिया वही शिक्षा क्षेत्र में भी अभूतपूर्व योगदान दिया। इसी के साथ लेखक व साहित्यकार के रूप में ख्याति प्राप्त की। उनके योगदान को अविस्मरणीय बनाने के लिए सर्वभाषा राष्ट्रीय शिक्षा एवं साहित्य समिति व भानी सहाय शिक्षा एवं जनकल्याण परिषद भिवानी के तत्वावधान में एक साहित्यिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर के विभिन्न साहित्यकारों और विद्वानों को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विशेष रूप से अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० खेमसिंह डहेरिया ने की। वहीं बतौर मुख्य अतिथि डॉ० जाखड़ के जीवन पर अभिनंदन ग्रंथ लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ० ज्ञान प्रकाश पीयूष एवं डॉ० रामनिवास मानव रहे। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रवक्ता शिवकुमार शास्त्री ने बताया कि इस कार्यक्रम में डॉ० शील कौशिक, डा० राजकुमार निजात, डा० अ. कीर्ति वर्धन, डा० आनंद प्रकाश, मेजर शक्ति राज, डा० अशोक कुमार मंगलेश, किशोर कुमार सारस्वत, डॉ० रमाकांत शर्मा, ‌राजपाल सिंह गुलिया,समशेर कोलसिया ,विशेष रूप से आकर्षण के केंद्र रहे। इसके अतिरिक्त उप जिला शिक्षाधिकारी ज्ञानेंद्र नेहरा, बीईओ बहल शिवकुमार तंवर, बीइओ भिवानी अनिल गौड़, प्राचार्या सविता घणघस, प्रवक्ता प्रदीप कौशिक, प्रवक्ता सुमेर सिंह आदि ने कार्यक्रम में पहुंच प्रो० जाखड़ को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का सफल व सुंदर मंच संचालन प्रवक्ता दीपमाला ने किया। कार्यक्रम में उनके परिवार से उनकी धर्मपत्नी शर्मिला जाखड़, बहन दयावती व सुमित्रा, भाई भीम सिंह जाखड़, व उनके बेटा बेटी भी समारोह में विराजमान रहे। उनके जीवन पर लिखे अभिनंदन ग्रंथ सहित डा० जाखड़ द्वारा रचित सात पुस्तकों का विमोचन करते हुए कुलपति प्रो० खेमसिंह डहेरिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ० जाखड़ एक शिक्षक व साहित्यकार के साथ वायुसेना में एक अधिकारी भी रह चुके है, जिन्होंने अपनी लेखनी के दम पर विद्वजनों को गौरवान्वित किया है तथा समाज को एक नयी दिशा दी है। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।उनकी पुस्तक की समीक्षा करते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. कीर्ति वर्धन अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने सेवा निवर्ती को उम्र की सीमा में बांध रखा है। यह सरकार की सीमा होती है। उम्र से अनुभव बढ़ता है। उन्होंने कहा कि करतार सिंह जाखड़ हरियाणा की उस भूमि से है, जो वीरों की भूमि है। खेती और हरियाली की भूमि है। करतार सिंह ने संस्कार और संस्कृति के क्षेत्र में लगकर अपने अंदर की प्रतिभा को उजागर किया है। डॉ वर्धन ने कहा कि मानव होना भाग्य है और कवि होना अहोभाग्य। डॉ. कीर्ति वर्धन एवं वरिष्ठ पत्रकार आर पी तोमर ने करतार सिंह जाखड़ को शाल ओढ़ाकर और पुस्तक भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं भी दी। सभी अतिथियों का सम्मान भी किया गया। सभी ने उन्हें साहित्य की अनाम यात्रा पर जाने पर स्वागत भी किया। उनकी शिक्षा क्षेत्र में की गई सेवाओं को भी सराहा गया।
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