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हो तेरी कृपा मुझ पर......

हो तेरी कृपा मुझ पर......

तू ही रोशनी बनकर, मेरी आँखों मे आया है,
तू ही धडकनें बनकर, मेरे दिल मे समाया है।
तेरा उपकार है मुझ पर, मुझे मानव बनाया है,
देवताओं को जो दुर्लभ, वो मानुष तन पाया है।
रहे कृपा तेरी मुझ पर, कुछ अच्छे काम कर पाऊँ,
नेकी की राह चलूँ मैं, बदी की राह से बच जाऊँ।
जीऊँ मैं जब तलक जीऊँ, बस तेरा ही नाम मैं गाऊँ,
होऊँ रुखसत जहां से जब, अंतिम धाम तेरा पाऊँ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
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