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अच्छे दिन आ रहे हैं.....

अच्छे दिन आ रहे हैं.....

जिनके पेट खाली वह गप लडा रहे हैं,
काम करने की जगह नफरत फैला रहे हैं।
किसने कहा है तुमको रोज योग करना,
योग से तो बाबा सबके रोग भगा रहे हैं।
खाता खुला बैंक में, पैसा लगा न कोई,
भ्रष्टाचारी सारे क्यों बेमौत मरे जा रहे हैं?
रहते अभी जो सडकों पर, खुले में शौच जाते,
क्या बुरा किया, जो शौचालय बनवा रहे हैं।
फकत बात करके आगे बढा न कोई,
करते हैं काम नित दिन, अच्छे दिन आ रहे हैं।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
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